एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
0 कोल परिवहन किया बाधित, गांव के समीप खनन से भारी आक्रोश
कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा खदान में बुधवार की सुबह खदान से लगे ग्राम पड़निया के सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उनका आरोप है कि वे अपनी समस्याओं को लेकर लगातार प्रबंधन के पास गुहार लगा रहे हैं, परंतु प्रबंधन किसी प्रकार का ध्यान नहीं दे रही है और समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे लेकर सभी में आक्रोश है।
ग्रामीणों ने बताया कि वे अपनी समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन को भी पत्र सौंप चुके है, लेकिन आज पर्यंत तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इसलिए अपनी जायज मांगों को लेकर यहां हड़ताल करने को मजबूर है। आंदोलन में पुरुषों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रही। ग्रामीणों का कहना है कि एसईसीएल कुसमुंडा के द्वारा उनकी गांव पड़निया के जमीन के किनारे से उत्खनन कार्य किया जा रहा हैं। जो उनके जमीन से एक मीटर से अंतर नहीं हैं। इससे जल की समस्या हो रही है। प्रबंधन रोज ब्लास्टिंग करा रहा है। उससे उनकी घर की दीवारें एवं छत में दरार पड़ रही है। सीट टूट फूट रहा है। हमेशा खतरा बना रहता हैं। उत्खनन के कारण धूल डस्ट प्रदूषण से उनका जमीन बंजर हो गई है। कोई भी फसल की पैदावार नहीं हो पा रही है। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी उत्पन्न हो रही हैं। पड़निया में 2009-10 से एसईसीएल ने जमीन संबंधी स्टे लगाया है, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार का लाभ नहीं हो रहा है। इस कारण तत्काल स्टे हटाया जाए। आंदोलन के कारण कामकाज बाधित रहा। कुसमुंडा खदान में लगातार पिछले कई दिन से हड़ताल का दौर चल रहा है, जिससे लगातार उत्पादन प्रभावित हो रहा है। वहीं वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है ऐसे में लक्ष्य को पूरा करना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। ग्रामीणों के बार-बार प्रदर्शन कर उत्पादन ठप कराने से एसईसीएल प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। प्रदर्शन की सूचना पाते ही प्रबंधन व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे।