भू-विस्थापितों की भूख हड़ताल को भाकपा का मिला समर्थन
कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापितों का एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने पिछले 3 दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल चल रहा है। 4 मार्च शनिवार की सुबह 11 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला सचिव कामरेड पवन कुमार वर्मा, पूर्व जिला सचिव एम.एल. रजक एवं कुसमुंडा ब्रांच सचिव के.पी. डडसेना आंदोलन स्थल पर पहुंचकर कर अपना समर्थन दिए।
वर्मा ने कहा कि भू-विस्थापितों की मांग जायज है, उसे एसईसीएल प्रबंधन को मानना पड़ेगा। एसईसीएल प्रबंधन ने जमीन अधिग्रहण के बाद रोजगार देने की नीति में बदलाव कर दिया, जिसके कारण हजारों लोग रोजगार से वंचित हो गए। प्रबंधन को पुरानी नीति के तहत रोजगार देना पड़ेगा। भू-विस्थापितों की (लड़ाई) संघर्ष में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहेगी। वर्मा ने कहा कि मजदूर वर्ग को एक साथ होकर के आगे बढ़ने की जरूरत है और राजनीति चेतना बढ़ाना होगा। एसईसीएल प्रबंधन आज हर तरफ कोरबावासियों को छल रहा है, आज पूरा कोरबा प्रदूषण से भरा हुआ है। सबके घर आंगन में प्रदूषण ही प्रदूषण है। आज केंद्र की सरकार हो या राज्य की, दोनों का इतिहास बता रहा है कि उनके द्वारा की गई सारी घोषणाएं और विकास के नारे आम जनता किसानों मजदूरों और बेरोजगारों के लिए सबसे बड़ा छलावा सिद्ध हुआ है। आज किसान और मजदूरों के बच्चों में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। दुनिया में सबसे ज्यादा बेरोजगार भारत में हैं जो किसान और मजदूर के बेटे और बेटियां रोजगार को लेकर उनका भविष्य अंधकार में हो गया है।