लक्ष्य पूरा करने रोजाना उत्पादन का लक्ष्य 20 हजार टन बढ़ाया
0 182 मिलियन टन का लक्ष्य पाने एसईसीएल के सामने कठिन चुनौती
कोरबा। वित्तीय साल के अंतिम महीने में ज्यादा से ज्यादा कोयला उत्पादन को लेकर एसईसीएल ने फरवरी की तुलना में मार्च में डेली कोल प्रोडक्शन का लक्ष्य 20 हजार टन बढ़ा दिया है। फरवरी में 6 लाख 55 हजार टन रोजाना कोयला उत्पादन का लक्ष्य था, जिसे बढ़ाकर मार्च में 6 लाख 75 हजार टन कर दिया है। इन दिनों कंपनी की खदानों में रोजाना कोयला उत्पादन सात लाख टन तक पहुुंच रहा है।
मार्च में 20.93 मिलियन टन का एसईसीएल को टारगेट मिला है, लेकिन वित्तीय साल के 182 मिलियन टन के लक्ष्य को पाने कंपनी को 34.79 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना होगा। कंपनी ने रोजाना का उत्पादन लक्ष्य भी बढ़ाया है। शनिवार को 6 लाख 75 हजार टन डेली कोल प्रोडक्शन के लक्ष्य के मुकाबले एसईसीएल ने 7 लाख टन कोयला उत्पादन किया है। वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में एसईसीएल डेली कोल प्रोडक्शन को बढ़ाने पर विशेष फोकस है, ताकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक अधिक से अधिक कोयला उत्पादन का नया रिकार्ड बन सके। पिछले साल के 142 मिलियन टन के उत्पादन को कंपनी ने पहले ही पीछे छोड़ दिया है और 22 मिलियन टन से अधिक के ग्रोथ से एसईसीएल टारगेट की ओर आगे बढ़ रही है। शनिवार तक एसईसीएल ने 147.21 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर चुकी है। इसी अवधि में पिछले साल एसईसीएल का कोल प्रोडक्शन 124.31 मिलियन टन था। एमसीएल 158.72 मिलियन टन के अब तक के लक्ष्य के मुकाबले 176.44 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर चुकी है और कोल प्रोडक्शन के मामले में कोल इंडिया की नंबर वन कंपनी बनी हुई है। दूसरे नंबर पर मौजूद एसईसीएल लगातार प्रयास कर रहा है। फरवरी में जिले के मेगा प्रोजेक्ट खदानों में हुए खदानबंदी आंदोलनों से बेहतर उत्पादन की चुनौतियों के बीच एसईसीएल ने 18.36 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले 18.37 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया। हर बार की तरह उत्पादन में चालू वित्तीय वर्ष में भी जिले की खदानों का योगदान 80 फीसदी के करीब है।