पुलिस जवान के घर घुसकर चाकू से हमला करने वाला 6 माह बाद भी पकड़ से दूर
0 एएसआई की हत्या मामले में भी पुलिस को नहीं मिला सुराग
कोरबा। जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। लगातार वारदातों को अंजाम देकर अपराधी पुलिस की चुनौती बने हुए हैं। दूसरी ओर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। बात चाहे उरगा में जवान के घर में घुसकर वृद्ध पर चाकूबाजी की हो या फिर बांगो थाना के बैरक में एसआई की हत्या का हो। हर मामले में पुलिस अपराधियों से उन्नीस ही साबित हुई है और अब तक दोनों मामलों को पुलिस सुलझा नहीं पाई है।
उरगा थाना के ग्राम खरवानी में निवास करने वाले हरिचरण राठौर पेशे से कृषक है। उनके 3 पुत्र हैं। बड़ा पुत्र हैदराबाद में सीआईएसएफ में पदस्थ है, जबकि उनके दो पुत्र जिला पुलिस बल में एक कोरबा जिले में तो दूसरा बिलासपुर में पदस्थ है। सितंबर माह में हरिचरण के घर एक आरोपी घुस गया था। जब हरिचरण की नींद खुली तो उसने शातिर चोर को देख लिया और उसे पकड़ने की कोशिश की तो चोर ने किसान पर ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया। चाकूबाजी की घटना को अंजाम देकर शातिर चोर भाग निकला। खरवानी गांव में हुई घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित हो गई थी। हरिचरण राठौर को उपचार के लिए जिला जांजगीर-चांपा स्थित चांपा के अस्पताल में दाखिल कराया गया था। घटना को 6 माह हो चुके हैं, लेकिन पुलिस के हाथ अपराधियों तक नहीं पहुंचे हैं। इस घटना को पुलिस सुलझा नहीं पाई है कि बांगो थाना के परिसर में स्थित बैरक में एएसआई की हत्या का मामला सामने आ गया। मामले को सुलझाने पुलिस पर भारी दबाव है। बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक भी बांगो थाना पहुंचकर पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश दे चुके हैं। कोरबा पुलिस की नाकामी कई बड़े मामलों में सामने आ चुकी है। कहीं बांगो के मामले में भी पुलिस के हाथ खाली न रह जाए। बांगो में घटित मामले को लेकर सियासत भी गरमाई हुई है। भाजपा नेता लगातार पुलिस व शासन पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। भाजपा नेता राजेश यादव ने मामले में सात दिवस के भीतर आरोपियों के नहीं पकड़े जाने पर हाईवे में चक्का जाम की चेतावनी भी दी है। उरगा थाना क्षेत्र में हुए चाकूबाजी के मामले में पुलिस का ढील ढाल रवैया शुरू से नजर आया था। टीआई रहे राजेश जांगड़े संवेदनशील मामले में भी घटना स्थल पर तत्काल नहीं पहुंचे थे।