ढेलवाडीह कोयला खदान प्रभावितों ने 3 घंटे किया आंदोलन
0 लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन किया गया खत्म
कोरबा। एसईसीएल ढेलवाडीह कोयला खदान से प्रभावित ग्राम ढपढप और कसरेंगा में पेयजल संकट गहरा गया है। खदान के कारण गांव में कुआं, बोरहोल सूख गए हैं। कई घरों में दरार पड़ गई है। पानी की समस्या के समाधान के साथ ग्रामीणों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति देने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गुरुवार को सुबह 6 से 9 बजे तक आंदोलन किया। लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म किया गया।
खदान से प्रभावित गांव के आक्रोशित ग्रामीण किसान सभा के नेतृत्व में सुबह से ढेलवाडीह खदान और कार्यालय को बंद कर आंदोलन करते रहे। किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर और प्रशांत झा ने कहा कि जिला पूर्ण रूप से एसईसीएल प्रभावित क्षेत्र है। कोयला उत्पादन के नए कीर्तिमान का जश्न मनाया जा रहा है। दूसरी ओर एसईसीएल किसानों की जमीन लेने के बाद गांव की मूलभूत सुविधा पानी भी प्रभावित गांव में उपलब्ध नहीं करा रही है। इससे साफ है कि एसईसीएल प्रबंधन को केवल कोयला के उत्पादन से मतलब है। आम जनता की सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है। किसान सभा ने एसईसीएल के इस रवैये की निंदा करते हुए प्रभावित गांव में मूलभूत सुविधा पानी की समस्या के साथ ग्रामीणों को हुए नुकसान का मुआवजा नहीं मिलने पर प्रबंधन के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी थी, लेकिन प्रबंधन ने प्रभावित गांव की समस्याओं के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई। इसे लेकर आंदोलन किया गया। प्रशांत झा ने बताया कि प्रबंधन ने उन्हें लिखित आश्वासन दिया है जिस पर आंदोलन खत्म किया गया। बोरवेल सर्वे के लिए टीम गांव भेजा गया है। साथ ही अन्य समस्याओं के निराकरण को लेकर भी आश्वस्त किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन अगर पुन: वादाखिलाफी करता है तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
0 समस्या से जूझ रहे हैं ग्रामीण
ढपढप पंचायत के शंकर, नरेंद्र यादव और कंवल सिंह बिंझवार ने कहा कि ढेलवाडीह खदान के कारण ढपढप और कसरेंगा का जल स्तर काफी नीचे चला गया है। पेयजल निस्तारी के साथ मवेशियों के लिए पानी की समस्या विकराल रूप ले चुका है। प्रबंधन को कई बार समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन प्रबंधन ग्रामीणों की पानी समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। ढपढप गांव की राजमती, रामायण बाई ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन ने पिछले साल खानापूर्ति के नाम पर टैंकर चलाया जो नियमित नहीं आता था। सभी ग्रामीणों को पानी नहीं मिलता था। जो पानी दिया जाता था वह पीने योग्य नहीं रहता था।
0 इन मांगों पर दिया गया आश्वासन
– ढपढप कसरेंगा में पाइप लाइन के माध्यम से घर घर पेयजल सप्लाई।
– बोरहोल खनन कर पानी देने की व्यवस्था।
– ग्राम ढपढप के सभी तालाबों में खदान से पाइप लाइन के माध्यम से साल भर पानी भरने की व्यवस्था।
– बिगड़े बोरहोल पम्पों का तत्काल सुधार कार्य कराने।
– प्रभावित ग्रामीणों को क्षतिपूर्ति मुआवजा दिया जाये।
– ग्राम ढपढप में सीमेंट कांक्रीट सड़क का निर्माण।