November 7, 2024

श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह के बंद इकाई के लाइटअप में देरी

0 मौसम के कारण डिमांड अंडर कंट्रोल
कोरबा।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के डीएसपीएम पावर प्लांट के 250 मेगावाट के एक नंबर इकाई की बंद यूनिट के लाइटअप में देरी हुई है। तकनीकी खराबी आने से करीब पखवाड़े भर से इस यूनिट से बिजली उत्पादन बंद है। इससे जनरेशन कंपनी के बिजली उत्पादन में गिरावट आई है, हालांकि डिमांड के अंडर कंट्रोल होने से स्थिति सामान्य है।
डीएसपीएम की बंद इकाई से बिजली उत्पादन जल्द से जल्द शुरू करने की कवायद की जा रही है। जरूरी टेस्टिंग के बाद लाइटअप की कोशिश की गई है, पर बात नहीं बन पाई। मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच बिजली की डिमांड में भी अप डाउन की स्थिति बनी हुई है। पिकअवर में अधिकतम बिजली की डिमांड 4600 से 4700 मेगावाट के करीब रही। इसके मुकाबले उपलब्धता 4700 मेगावाट से अधिक थी। उत्पादन कंपनी की एक इकाई से उत्पादन बंद रहने के कारण लगभग 2100 मेगावाट तक बिजली पैदा हो रही थी। सेंट्रल सेक्टर से कम बिजली ड्रॉल करनी पड़ रही है। इस स्थिति में बिजली की डिमांड कम रहने से अंडर ड्रॉल की स्थिति निर्मित रही। 250 मेगावाट डीएसपीएम प्लांट की एक नंबर इकाई की बंद यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू होने पर राहत मिलेगी, लेकिन इसके लाइटअप में देरी हुई है। बताया गया कि मैकनिकल साइड में खराबी आई है। इसके सुधार कार्य को लेकर तकनीकी टीम जुटी हुई है। इधर मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच दोपहर में तेज धूप से तापमान भी बढ़ा है। इससे बिजली की डिमांड भी आगामी दिनों में बढ़ सकती है। जल्द ही इकाइयों से बिजली उत्पादन शुरू नहीं हुआ तो समस्या बढ़ सकती है। हालांकि बांगो हाइडल प्लांट की एक यूनिट से भी बिजली उत्पादन किया जा रहा है।
0 अप्रैल में बढ़ेगी मांग
इस बार मार्च के शुरुआती दिनों में जरूर बिजली की डिमांड 5200 मेगावाट के पार पहुंच गई थी, लेकिन इसके बाद मौसम में परिवर्तन के कारण डिमांड में लगातार अप डाउन की स्थिति बनी रही। इसके कारण ज्यादा समस्या नहीं हुई। अप्रैल में मौसम सामान्य होने के बाद बिजली की डिमांड बढ़ने के आसार हैं। इसे लेकर संयंत्र प्रबंधनों ने इकाइयों को फुल लोड पर चलाने की पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन ट्रिपिंग के कारण लगातार इकाइयों में समस्या आ रही है। इससे निपटना प्रबंधन के लिए चुनौती होगी। मांग बढ़ने पर अगर इकाइयों ने साथ छोड़ा तो सेंट्रल सेक्टर पर निर्भरता बढ़ जाएगी।

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