November 22, 2024

जिले में फिर सक्रिय हुए रेत तस्कर, नहीं हो रही कार्रवाई

कोरबा। छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कोरबा का रेत के मामले में दम निकल रहा है। रेत चोरी में लगे ट्रैक्टरों का शहर में आवागमन देखकर आम लोगों को लगता ही नहीं होगा कि रेत की किल्लत है, जबकि हकीकत यह है कि इन भागते ट्रैक्टरों में लदी रेत दो नंबर की है। इसकी न तो रायल्टी पर्ची कटी होती है और न ही इसे वैध रेत खदान से लोड किया गया होता है।
खनिज विभाग की मनमानी और रेत चोरों को छूट दे दिए जाने का ही परिणाम है कि जो रेत 5 से 700 रुपये प्रति ट्रैक्टर मिला करती थी अथवा मिलनी चाहिए उसकी कीमत प्रति ट्रेक्टर 2000 रुपये से अधिक हो गई है। भवन निर्माता छड़, सीमेंट, मजदूरी के लोड से पहले ही दबा हुआ है अब उसे रेत की मार भी सहनी पड़ रही है। बरबसपुर, राताखार, सीतामढ़ी से चोरी हो रही है। रेत के मामले में इस व्यापार को वैधता प्रदान करने और रॉयल्टी के रूप में सरकार के खजाने में पैसा जमा कराने को लेकर जिम्मेदार विभाग क्यों खामोश है अथवा आनाकानी कर रहा है हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है इसका प्रमाण तो नहीं है, लेकिन रेत चोर जिस तरह की मनमानी कर रहे हैं उसे देख कर तो लगता है कि दाल में कहीं न कहीं काला तो है। जिम्मेदार लोगों को इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं है कि उनकी मनमानी अथवा लापरवाही का खामियाजा न केवल भवन निर्माताओं को भुगतना पड़ रहा है, बल्कि ट्रैक्टरों के कारण हो रही दुर्घटनाएं अनेक परिवारों को जिंदगी सिसकने के लिए विवश कर रही हैं।

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