इंटक व भू-विस्थापितों का दीपका खदान बंद रहा सफल
-विनोद उपाध्याय
कोरबा (हरदीबाजार)। कोयला खनन के लिए कई गांवों के हजारों किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन अधिग्रहण के बाद भी भू-विस्थापित मुआवजा और रोजगार के लिए भटक रहे हैं और एसईसीएल दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं। खेती-किसानी करने वाले किसान भूमिहीन होकर दर-दर भटक रहे हैं, न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनके पुनर्वास की चिंता एसईसीएल को नहीं है। हर बार उन्हें आश्वासन दिया जाता है। इंटक लगातार कोयला क्षेत्र में विस्थापन प्रभावित गांवों की समस्याओं को लेकर आंदोलन कर रही है।
इसी कड़ी में बुधवार को दीपका खदान में इंटक का आंदोलन सुबह 5 से शाम 5 बजे तक चला। इसके चलते प्रबंधन को करोड़ रुपयों से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। एसईसीएल के इस रवैये से गुस्साए ग्रामीणों ने इंटक जिला अध्यक्ष श्यामू जायसवाल के नेतृत्व में खदान में घुस गए तथा उत्पादन को ठप कर दिया। आंदोलन स्थल पर पंहुच कर धरने पर बैठ गए। समस्या का निवारण न होने पर और उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। आंदोलन में जिला अध्यक्ष के साथ जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र सोनी, कुलदीप राठौर, जिला महासचिव खगेश बरेठ, ब्लॉक अध्यक्ष अभिषेक कंवर, संत चौहान, बिन्देस कुमार, अविनाश, घासीदास, राहुल जयसवाल, जय, डेविड, शांतिलाल, नवीन, कमल, सुरेश कुमार, कृष्णा, विजय, प्रदीप नायक, ऋतिक थापा, राघवेन्द्र एवं समस्त इंटक साथी मौजूद थे।