खदान कर्मी भुगत रहे सिविल विभाग की लापरवाही का खामियाजा
0 मूलभूत सुविधाओं के लिए भी हो रहे परेशान
कोरबा। एसईसीएल सिविल विभाग की लारवाही के कारण खदान कर्मी और उनके परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है। बार-बार शिकायतों के बाद भी समस्या दूर करने पहल नहीं होने से नाराजगी बढ़ती जा रही है।
जिले का एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र आज कोयला उत्पादन में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। कोल उत्पादन से लेकर कोल डिस्पैच में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसमें एसईसीएल अधिकारियों के साथ-साथ हजारों कर्मचारियों की कड़ी मेहनत निहित है। कुसमुंडा खदान के प्रारंभ के उपरांत लगातार बढ़ रहे उत्पादन से ही कोल इंडिया ने कुसमुंडा क्षेत्र को अन्य कई क्षेत्रों की तरह विशेष क्षेत्र का दर्जा दिया है। ऐसे में यहां के कर्मचारियों और उनके परिवारों को बेहतर जीवन जीने के लिए बेहतर आवास, बिजली, पानी, सड़कें, बेहतर वातावरण देने की जिम्मेदारी कुसमुंडा प्रबंधन की है। इसके लिए बाकायदा कुसमुंडा प्रबंधन में सिविल विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। सिविल विभाग जिनकी देखरेख में कुसमुंडा क्षेत्र की सभी कॉलोनियों को व्यवस्थित रखा जाता है। प्रतिवर्ष इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, परंतु वर्तमान परिस्थितियों में जो दिखाई पड़ रहा है वह सिविल विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है। उत्पादन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों को कई परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। एक कॉलोनी से दूसरे कॉलोनी, मार्केट, दुकान, बैंक, स्कूल इत्यादि स्थान आने जाने वाले एकमात्र सड़क की हालत बेहद खराब है। पानी पाइप लाइन के लिए खोदे सड़कों को दोबारा मरम्मत नहीं करने की स्थिति में सड़क किनारे गड्ढे दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। साथ ही जमा मिट्टी से उड़ने वाले धूल से पूरे कॉलोनीवासियों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है। खदान में ब्लास्टिंग के लिए बारूद बनाने वाली कंपनी आईबीपी के भारी वाहन रोज विकास नगर मुख्य सड़क पर चल रहे हैं, जिससे कई स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं। उनका भी मरम्मत कार्य कई साल से नहीं किया गया है, जिस पर कॉलोनीवासी प्रतिदिन आवागमन करते हैं। कुसमुंडा थाना चौक के पास भी स्थिति बेहद खराब है। यहां सिविल विभाग ने आम लोगों का मजाक बनाते हुए ऐसे मरम्मत कार्य किया है, जिसे देखकर आपका भी दिमाग ठनक पड़ेगा। कॉलोनी के मुख्य मार्ग एवं घरों के आसपास कचरों का जमावड़ा भी बेहद चिंताजनक है। सबसे दुखद यह है कि शाम होते ही कोयला साइडिंग और सड़क का डस्ट पूरे कुसमुंडा क्षेत्र को कोहरे की तरह ढक रहा है। पानी छिडक़ाव केवल खानापूर्ति है। गेवरा रेल साइडिंग में पूर्व में स्प्रिंकलर के माध्यम से पानी छिड़काव किया जाता रहा है, परंतु आज यह पूरी तरह बंद है, जिससे लोगों का दम घुट रहा है। पूरे मामले पर दुखद पहलू यह भी है कि सिविल विभाग से जारी टोल फ्री नंबर कर्मचारियों के किसी काम का नहीं है। इस पर शिकायत करने के लिए कॉल किया जाता है तो कॉल कोई रिसीव ही नहीं करता। आवासों एवं आसपास व्याप्त समस्याओं के लिए सिविल विभाग से संपर्क किया जाता है तो ठेकेदार को संपर्क करने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है।