November 22, 2024

इंटक अध्यक्ष व एक अन्य पर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का आरोप

0 पीड़ित ने बालको थाना प्रभारी से की लिखित शिकायत
कोरबा।
बालको में श्रमिक संघ इंटक के प्रतिनिधि व इंटक अध्यक्ष जयप्रकाश यादव पर ठगी करने का गंभीर आरोप लगा है। बालको में नौकरी लगवाने जयप्रकाश और संजय कुमार सिंह पर प्रकाश इंडस्ट्री लिमिटेड चांपा में नौकरी के नाम पर ठगी करने की शिकायत हुई है।
बालको अंतर्गत वॉर्ड क्रमांक 36 अम्बिका मंदिर के पीछे भदरापारा बालको नगर निवासी कलेश राम साहू पिता स्व. अमोली राम साहू (62) ने बालको थाना में लिखित शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि वह सेवानिवृत्त कर्मचारी है। उसके छोटे पुत्र महेन्द्र साहू ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। पूर्व में बालको के श्रमिक नेता जय प्रकाश यादव ने कहा था कि बेटे का नौकरी लगाना हो तो बताना। उक्त संबंध में कलेश ने पुत्र महेन्द्र साहू, जितेन्द्र साहू के साथ 4 साल पूर्व 20 दिसंबर 2017 को शाम 7 बजे इंटक कार्यालय बालकोनगर में जय प्रकाश यादव से मिलकर महेन्द्र साहू का बालको में नौकरी लगवाने को लेकर चर्चा की। जयप्रकाश ने महेन्द्र साहू का नौकरी बालको या प्रकाश इंडस्ट्रीज चांपा दोनों में से कहीं भी लगवा दूंगा कहा था। प्रकाश इंडस्ट्रीज चांपा में संजय कुमार सिंह को श्रमिकों का बड़ा नेता बताया था। संजय सिंह के माध्यम से वहां कई लोगों का नौकरी लगवाना भी बताया। इसके एवज में 5 लाख में से 1 लाख रुपये का चेक दिया और बाकी रकम व्यवस्था होने पर दे देंगे कहा गया। इसके बाद जयप्रकाश यादव ने कहा कि बालको में अभी वेकेन्सी नहीं है, संजय कुमार सिंह से बात हो चुकी है। प्रकाश इंडस्ट्री लिमिटेड चांपा में दो महीना में नौकरी लगवा दूंगा। दो माह बीत जाने के बाद प्रार्थी अपने पुत्र सहित युवराज रावत, दीपक दास महंत के साथ अनेक बार जयप्रकाश से मिला, लेकिन उसने हर बार की तरह इस बार भी दो-तीन महीना का आश्वासन दिया। कई महीना व्यतीत होने के बाद भी जब नौकरी नहीं लगी, तब उसने 1 मई 2018 मजदूर दिवस को इंटक कार्यालय पहुंच कर जयप्रकाश यादव से दिए हुए 1 लाख रुपये का चेक एवं नकद 50 हजार रुपये वापस मांगा। तब जयप्रकाश यादव ने भड़कते हुये उसने कहा कि आपका लड़का जितेन्द्र बालको में नौकरी करता है और मैं इंटक का महासचिव हूं। जब चाहूं तुम्हारे लड़के का ट्रांसफर कलकत्त, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई करवा सकता हूं, जब नौकरी लगेगा तो बता दूंगा। इसके बाद न तो नौकरी लगी और न ही रकम वापस किया गया, बल्कि धमकियां मिल रही है।

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