ऐतिहासिक तालाब को पाटकर व्यवसायिक कॉम्पलेक्स बनाने की तैयारी
0 पोड़ी सरपंच-सचिव की मनमानी से ग्रामीणों में भारी रोष
कोरबा (पाली)। घटते जल स्तर के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों चिंतित है और जल स्तर बढ़ाने के लिए अलग-अलग स्तर पर अथक प्रयास किया जा रहा है, किन्तु ग्राम पंचायत जल संवर्धन एवं संरक्षण को बढ़ावा देने की बजाय अपना निजी हित साधने सौ वर्ष पूर्व ऐतिहासिक तालाब का अस्तित्व मिटाने में लगे है।
कोरबा जिले के जनपद पंचायत पाली अंतर्गत ग्राम पंचायत पोड़ी में होरी सिंह बियार निर्वाचित सरपंच एवं सचिव रामकुमार टेकाम हैं। लगभग 8 हजार की जनसंख्या एवं 43 सौ मतदाता संख्या वाले इस बड़े ग्राम पंचायत में सरपंच-सचिव की जमकर मनमानी चल रही है। अपना डफली-अपनी राग की तर्ज पर वे सरकार की ओर से पंचायत को भेजे गए लाखों की राशि पर निजी हित साधने में लगे हैं। वर्तमान में पोड़ी हाईस्कूल के सामने व्यवसायिक दुकान निर्माण के लिए सौ वर्ष पूर्व निर्मित ऐतिहासिक तालाब का अस्तित्व मिटाने में लगे हैं। इसे लेकर यहां के ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में भी इस पंचायत में बने अटल व्यवसायिक परिसर के लाखों का हिसाब-किताब पंचायत रजिस्टर से गायब है। पंचों द्वारा आय-व्यय का हिसाब मांगने पर सरपंच- सचिव उन्हें गुमराह करते आ रहे हंै। पंचों का आरोप भी है कि सरपंच-सचिव व कुछ पंच मिलकर मूलभूत, 14वें एवं 15वें वित्त मद की राशि का जमकर दुरुपयोग करते आ रहे हैं और गांव की जनता को न दिखने वाले लाखों के विकास कार्य कराए गए हैं। आज हर ओर पानी की समस्या देखने को मिल रही है और जल स्तर दिन-ब-दिन नीचे जा रहा है। वर्षा का पानी रुक सके और जल स्तर बढ़ सके इसके लिए सरकार तालाब, डबरी, स्टॉपडैम का निर्माण करा रही है, लेकिन पोड़ी के सरपंच-सचिव शासन के उद्देश्य पर करारा प्रहार करने में लगे है तथा पंचायत मद की राशि का जमकर दुरुपयोग करते हुए अपना झोली भरने में लगे हैं।
0 सजा काटे चुके सचिव को संवेदनशील पंचायत की कमान
वैसे तो ग्राम पंचायत पोड़ी अति संवेदनशील पंचायत में गिनती आता है, जहां के पंचायत का प्रभार वर्तमान सचिव रामकुमार टेकाम को सौंपा गया है। बता दें कि रामकुमार टेकाम दो पंचवर्षीय पूर्व ग्राम पंचायत पोटापानी में असाक्षर महिला सरपंच का बेजा लाभ उठाकर मूलभूत, 13वें, 14वें वित्त मद के लाखों की राशि आहरण कर गबन कर दिया था। उस मामले में सचिव रामकुमार जेल की हवा भी खा चुके हैं, लेकिन इनके क्रियाकलाप में आज पर्यंत कोई सुधार नहीं आ पाया और वे जिस पंचायत का प्रभार लेते हैं वहां सरपंच को झांसे में लेकर अपना हित साधते हैं। पोड़ी में भी उनका यह कार्य जारी है। यदि संबंधित अधिकारी पोड़ी पंचायत में हो रहे विकास कार्यों व बुनियादी सुविधाओं से अनदेखा करें तो इस पंचायत में भी भ्रष्टाचार होने से कतई इनकार नहीं किया जा सकता।