बालको क्षेत्र के भाजपा पार्षद लुकेश्वर सहित चार एनजीओ संचालक गिरफ्तार
0 डीएमएफ के 63 लाख रुपये का किया था गबन
0 लाइवलीहुड कॉलेज में दिया गया था फर्जी प्रशिक्षण
कोरबा। प्रदेश में डीएमएफ की राशि का किस तरह दुरुपयोग करते हुए पैसों की बर्बादी की गई है उसका धीरे-धीरे खुलासा होने लगा है। प्रशिक्षण के लिए डीएमएफ की रकम को स्वीकृत करना और फर्जी तरीके से प्रशिक्षण और अन्य कार्य करके रुपयों का गबन किया गया। जांजगीर जिले में ऐसे ही मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने बालको क्षेत्र के भाजपा पार्षद लुकेश्वर सहित एनजीओ के 4 संचालकों को गिरफ्तार किया है। चारों आरोपी कोरबा जिले के हैं।
जांजगीर पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कार्यालय जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज जांजगीर द्वारा एनजीओ निर्मल फाउंडेशन कोरबा को जांजगीर जिले के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित ग्राम पंचायतों के स्व-सहायता समूहों, गौठानों, जनपद पंचायत संसाधन केंद्रों में महिला सशक्तिकरण में महिला जनप्रतिनिधि, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व किशोरी बालिकाओं का ग्राम सभा पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शासन ने 1 करोड़ रुपये स्वीकृत किया था। इसमें संबधित फर्म को राशि अस्सी लाख रुपये स्वीकृत किया गया था। फर्म को सत्तर लाख चालीस हजार जारी किया गया था। इसी तरह कार्यालय जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज जांजगीर ने लक्ष्य समाज सेवी संस्था कोरबा को जांजगीर जिले के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित ग्राम पंचायतों में सांस्कृतिक एवं परम्परागत धरोहर कला जन भाषाओं का संरक्षण, प्रोत्साहन एवं उनके प्रचार प्रसार कार्यक्रमों के लिए 49 लाख 99 हजार रुपए स्वीकृत करते हुए 39 लाख 99 हजार 200 रुपये जारी किया था। जांजगीर जिले में इस मामले की शिकायत भाजयुमो ने तब की जब उसके पदाधिकारियों ने दोनों प्रशिक्षण कार्यों के हितग्राहियों से मुलाकात की। इसकी जमीनी पड़ताल में पता चला कि किसी भी महिला को कोई भी प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। उपस्थिति पंजी में दस्तखत भी फर्जी हुआ है, जिसको जय मां गायत्री स्व-सहायता समूह ग्राम पंचायत नवापारा (ख) व जागृति महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने लिखकर भी दिया। शासकीय राशि का गबन करना पाये जाने पर थाना जांजगीर में आरोपियों के खिलाफ धारा 409 भादवि के तहत जुर्म पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद आरोपी अमित तिवारी, लुकेश्वर चौहान, योगेश चौहान एवं राहुल चौहान सभी निवासी बालकोनगर को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। आरोपियों में भाजपा नेता लुकेश्वर चौहान बालको के वार्ड नंबर 39 कैलाश नगर का पार्षद भी है। कहा जा रहा है कि पार्षद लुकेश्वर चौहान के पद पर भी तलवार लटकने लगी है।
0 रकम वापस करने का दिया गया मौका
फर्जी प्रशिक्षण के खुलासे के बाद विभाग की ओर से दोनों एनजीओ को रकम लौटने का नोटिस जारी किया गया। संस्था निर्मल फाउंडेशन ने 2 मार्च 2022 तक कुल 14 लाख 15 हजार रुपये किश्त में जमा किया है। शेष राशि 56,25,000 रुपये को जमा नहीं किया गया है। इसी तरह लक्ष्य समाज सेवी संस्था ने 24 फरवरी 2023 तक कुल रुपये 28 लाख किश्त में जमा किया था। शेष राशि सात लाख उन्नीस हजार दो सौ छियानवे रुपये को जमा किया जाना शेष है।
0 मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के नाम पर खाई मलाई
जांजगीर जिले में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देने के लिए डीएमएफ से 30 मार्च 2021 को प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी हुआ था, जिसमें मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण सह टूल्स प्रदाय कार्य प्रस्तावित था। इसके लिए राशि स्वीकृत हुई, जिसका क्रियावयन एजेंसी जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज जांजगीर को बनाया गया था। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में लक्ष्य समाज सेवी संस्था डभरा ने सक्ती और बलौदा के दर्जन भर से ज्यादा महिला स्व-सहायता समूह के 120 से ज्यादा महिलाओं को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण व टूल्स प्रदाय करना बताया है। भाजयुमो ने आरोप लगाया था कि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के लिए टूल्स सामान की खरीदी निर्मल फाउंडेशन से की गई है, जिससे 34 लाख आठ हजार 6 सौ रुपये की समान खरीदी हुई है। इसके लिए तीन लाख 48 हजार 6 सौ रुपये का 10 कच्ची बिल बिना जीएसटी का अटैच किया गया है, जिससे शासन को लाखों के जीएसटी का नुकसान हुआ है। दूसरी ओर कच्चे बिल में निर्मल फाउंडेशन पता -छग राज्य ग्रामीण बैंक के ऊपर कृष्णानंद विहार, डुग्गूपारा बालकोनगर कोरबा जिला-कोरबा छग बताया गया है, लेकिन उक्त पते पर ऐसा कोई फाउंडेशन मौजूद नहीं है, जो बिल का फर्जी होना बता रहा है।
0 उपस्थिति पंजी में फर्जी दस्तखत
आरोप है कि जय मां गायत्री स्व सहायता समूह ग्राम पंचायत नवापारा (ख) विकासखंड बलौदा को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण नहीं मिला है और उनके नाम से फर्जी दस्तखत भी किए गए हैं। समूह की सदस्य दुलेश्वरी बाई, गणेशी बाई व निर्मला बाई अंगूठा लगाती हैं, जबकि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के उपस्थिति पंजी में उनका दस्तखत है। इसी तरह जागृति महिला स्व-सहायता समूह सहित दर्जन भर से ज्यादा महिला समूह को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण नहीं दिया गया है और न ही कोई टूल्स का वितरण किया गया है, बल्कि छलपूर्वक उनके सील साइन का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया है।
0 जिले के अन्य एनजीओ भी रडार में
जानकारी के मुताबिक जांजगीर जिले से पहले कोरबा जिले में इसी तरह के प्रशिक्षण इन्हीं एनजीओ और दूसरे एनजीओ ने दिए हैं। वहां की भी शिकायतें हुई थी। मगर आरोप है कि मामले को दबा दिया गया। कहा जा रहा है कि कोरबा जिले में कराये गए प्रशिक्षण कार्यों की जांच कराई जाये तो और भी बड़े घोटाले उजागर होंगे। कोरबा जिले के कई एनजीओ इसकी रडार में है। जांजगीर पुलिस को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए, क्योंकि बिना विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के लाखों-करोड़ों का घोटाला संभव नहीं है। इन दो मामलों में फिलहाल अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।