November 22, 2024

सुगम यात्रा के लिए सीट की भारी कमी, खड़े होकर सफर की मजबूरी

कोरबा। ट्रेनों की लेटलतीफी, दूसरी ओर खड़े होकर यात्रा करने की मजबूरी, भीषण गर्मी में इस हालात के बीच लोगों को यात्रा करनी पड़ रही है। सुगम यात्रा की चाहत लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। उसके बाद भी रेल प्रशासन अतिरिक्त कोच की दिशा में पहल नहीं कर रहा है।
मेमू लोकल के 6 कोच में 850 सीट होने के बाद भी कम पड़ने लगी है। गर्मी में सुगम यात्रा के लिए यात्रियों को सीट की कमी भारी पड़ने लगी है। यह भीड़ इन दिनों कोरबा से रायपुर के बीच चलने वाली हसदेव एक्सप्रेस व मेमू लोकल स्पेशल में भी बनी हुई है। हसदेव एक्सप्रेस में 2 सी, 4 डी, 6 जनरल, 2 एसएलआर कोच लगे हैं। इसमें सीट क्षमता करीब 1216 है। रेलवे प्रशासन अगर दोनों ट्रेनों में कोच बढ़ाता है तो सभी यात्रियों को सीट मिलने लगेगी, लेकिन इस दिशा में रेलवे के अधिकारियों की सोच ही नहीं बन पा रही है। सफर करने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। खासकर ऊर्जाधानी से राजधानी के बीच चलने वाली यात्री ट्रेनों में स्थिति यह है कि इन ट्रेनों में लगे कोचों की संख्या कम पड़ने लगी है। चाहे रिजर्वेशन कोच हो या जनरल कोच या फिर मेमू लोकल के कोच, यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करने मजबूर होना पड़ रहा है। कोरबा से चलने वाली ट्रेनों में रोजाना अप व डाउन दिशा में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 6590 के करीब है। कभी-5कभी यह संख्या अधिक भी हो जाती है। जब कोच बढ़ाने की बात की जाती है तो अधिकारियों की कलम थम जाती है और वे प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं। इसका खामियाजा यात्री भुगत रहे हैं। हसदेव एक्सप्रेस हो या कोई अन्य ट्रेन जो बिलासपुर से कोरबा आती है उसमें यहां के यात्रियों को सीट के लिए परेशान होना पड़ता है। कोरबा के लोगों को बिलासपुर से ट्रेन में सवार होने के बाद चांपा तक खड़े-खड़े यात्रा करना होता है। इस बीच ट्रेन में सफर करने वाले गतौरा, जयरामपुर, कापन, अकलतरा, कोटमीसोनार, नैला-जांजगीर व चांपा के लोग चढ़ते उतरते रहते हैं।

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