बाज का किया गया रेस्क्यू : पहले पानी पिलाया, खाना खिलाया और फिर छोड़ा गया जंगल में
कोरबा। कोरबा से मन को मोह लेने वाला एक वीडियो सामने आया है जिसको देख कर आप भी कहेंगे की पशु पक्षी भी प्रेम की भाषा समझते हैं। कृष्णा नगर में रह रहे दीपक दास महंत के घर एक बाज आकर बैठ गया जो उड़ नहीं पा रहा था, जिसको बचाने के उद्देश्य से घर वालों ने वन्य प्राणी के संरक्षण में काम कर रही संस्था वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम अध्यक्ष वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को सूचना दिया। थोड़ी देर पश्चात मौक पर पहुंचे जितेन्द्र सारथी टीम के सदस्य देवाशीष राय, बबलू और कमल के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया। डरा सहमा बाज एक जगह बैठा रहा, जिसको पहले जितेन्द्र सारथी ने अपने विश्वास में लिया और बाज से बात करने लगे। इस नजारे को देख लगता रहा कि बाज उनकी भाषा समझ रहा हो। गर्मी ज्यादा होने के कारण पहले बाज को पानी पिलाया गया फिर आखिरकार कार्टून में उसको रखा गया। फिर उसके लिए मांस का टुकड़ा लाया गया और आजाद करने से पहले बाज को मांस का टुकड़ा खिलाया गया। इस पूरे रेस्क्यू में पानी पिलाने से लेकर खाना खिलाने तक बाज पक्षी जितेन्द्र सारथी की बातों को ऐसे मान रहा था मानो वह उसकी बात को समझ रहा हो। सच कहा है किसी ने जीव जंतु भी समझते हैं प्रेम की भाषा, बाज स्वस्थ था उसको कोई चोट भी नहीं लगी थी। आखिकार उसे जंगल में छोड़ दिया गया।