प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मेडिटेशन हॉल का राजस्व मंत्री जयसिंह ने किया शुभारंभ
कोरबा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बालकोनगर राज योग केंद्र में नवनिर्मित ज्ञान मोती मेडिटेशन हॉल का भव्य उद्घाटन मुख्य अतिथि रहे राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में महापौर राजकिशोर प्रसाद, महेश भवनानी, समाजसेविका रश्मि शर्मा, गौमुखी सेवाधाम की अध्यक्ष इंदू शर्मा, डॉ. केसी देबनाथ, ब्रह्माकुमारी रुकमणी, बालको सेवाकेंद्र संचालिका बीके विद्या दीदी के सानिध्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम अतिथियों का स्वागत तिलक व पुष्पगुच्छ से किया गया। तत्पश्चात मंत्री अग्रवाल ने मोती हॉल का फीता काटकर व दीप प्रज्ज्वलन कर उद्घाटन किया। अग्रवाल नवनिर्मित हॉल को देख अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हम काफी समय से ब्रह्माकुमारियों की सेवाएं देख रहे हैं। इतने छोटे स्तर से शुरुआत किया। इतनी असुविधा में भी उन्होंने अपनी सेवाएं जारी रखते हुए उनके प्रयास से आज इतना सुंदर यह हॉल ज्ञानमोती से निर्मित हो गया। यहां लोगों के जीवन में सच्चे ज्ञान की मोती की प्राप्ति होगी, जिससे लोग अपने जीवन में भरपूरता का अनुभव करेंगे और इनका मुझे सदा ही प्यार और आशीर्वाद मिलता रहता है। इनकी नि:स्वार्थ सेवा लोगों को आत्मिकता का अनुभव कराती है, जिससे हम भी काफी समय से सेवाकेंद्र जुड़े हुए हैं। महापौर राजकिशोर ने अपने संबोधन में सेवाकेंद्र की सराहना करते कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था बहुत अच्छा कार्य कर रही है, जिससे लोगों के जीवन में सच्ची शांति मिल सके। मैं इस भी विद्यालय का नियमित स्टूडेंट हूं। अभी ज्ञान में बहुत नया-नया हूं इसलिए अभी प्रैक्टिस कर रहा हूं और मुझे इससे बहुत फायदा भी मिल रहा है। इस हॉल में भी आकर अनेक आत्माओं को जो जीवन में सच्ची शांति की अनुभूति होगी, जिससे यह हॉल सार्थक हो जाएगा। संस्था के लिए हमारे तरफ से जो भी सहयोग हो सकेगा हम भी जरूर करेंगे। बीके रूक्मणी ने सभी को नियमित मेडिटेशन करने की प्रेरणा दी। ब्रह्माकुमारी विद्या ने सभी को 5 मिनट का मेडिटेशन की अनुभूति भी कराई। राजू ने अपने गीतों की प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया। मंच का संचालन शेखर राम ने किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. देबनाथ ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर संस्था से जुड़े सदस्य व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।