70 लाख से निर्मित विद्यालय भवन हो रहा खंडहर
0 माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के ऊपर होनी चाहिए कड़ी कार्रवाई : मनीराम जांगड़े
कोरबा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से वर्ष 2013 में 70 लाख रुपये खर्च कर कोरबा विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत तिलाईडांड़ में नवीन हाई स्कूल भवन का निर्माण कराया गया है। 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी सर्वसुविधायुक्त भवन में ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को हायर सेकेंडरी पढ़ाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच एवं पीडब्ल्यूडी के साथ ही राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा की लापरवाही के कारण आज ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी की पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। इस संबंध में समाजसेवी मनीराम जांगड़े ने बीते दिनों जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भरद्वाज से इस संबंध में चर्चा की। तब जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि गांव से उक्त भवन लगभग 2 किलोमीटर दूर है। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की दृष्टि से उक्त भवन में पढ़ाई संचालित करना संभव नहीं है।
जांगड़े का कहना है कि यह सत्य है कि उक्त भवन जंगल के बीच में बना दिया गया है, जो कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए उक्त भवन में विद्यालय संचालित करना उचित नहीं है, लेकिन विभाग एवं निर्माण एजेंसी के साथ ही ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच का उक्त स्थान को चयनित करना पूर्णता निंदनीय है। शासकीय राशि 70 लाख रुपये की क्षति हुई है। भवन इतना मजबूत बना है कि 7 वर्ष बाद भी उक्त भवन की मजबूती झलक रही है। हालांकि असामाजिक तत्व खिड़की दरवाजा चोरी करके ले गए हैं। जांगड़े ने कहा कि आज की स्थिति में उक्त भवन से एक बूंद पानी भी सीपेज नहीं हो रहा है। हर तरह की सुविधा है लेकिन इतना मजबूत भवन आज की स्थिति में पशुओं के रहने के लायक बन गया है। सरकारी राशि का दुरुपयोग करने वाले संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो और शासन की राशि का सही जगह और सही उपयोग हो। उन्होंने कहा कि जिले में सैकड़ों ऐसे विद्यालय हैं जो जर्जर हैं और सर्वसुविधा न होने के बावजूद भी बच्चे व शिक्षक अपनी जान जोखिम में डालकर पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं। साथ ही भवन न होने की स्थिति में बच्चे कहीं पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। अगर इतनी बड़ी राशि जिले में अन्य जर्जर भवनों के मरम्मत कार्य में लगा दिया जाता, तो जिले के ग्रामीण अंचल के छात्र-छात्राओं को और अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त होती।