November 7, 2024

1320 मेगावाट सुपर क्रिटिकल पावर स्टेशन की आधारशिला रखेंगे मुख्यमंत्री

0 छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी स्थापित करेगी दो नए संयंत्र
कोरबा।
छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊंचाई प्रदान करने 29 जुलाई को कोरबा में 1320 मेगावाट सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर स्टेशन कोरबा की आधारशिला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रखेंगे। यह छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के मामले में सर्वोच्च बनाए रखने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा। इससे छत्तीसगढ़ आने वाले भविष्य में अपनी आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर हो सकेगा।
कोरबा घंटाघर मैदान में 29 जुलाई को शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया है। इसके मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल होंगे। समारोह की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत करेंगे। समारोह में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल, सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत, दीपक बैज, विधायक मोहित राम केरकेट्टा, पुरुषोत्तम कंवर, ननकीराम कंवर, महापौर राजकिशोर प्रसाद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला छत्रपाल सिंह कंवर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी। समारोह में कोरबा के मेडिकल कॉलेज की भी आधारशिला रखी जाएगी।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 2978.7 मेगावाट है। राज्य स्थापना के समय उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट थी। वर्तमान में छत्तीसगढ़ जीरो पावर कट स्टेट बना हुआ है। प्रदेश में तेज गति से हो रहे आर्थिक विकास से बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए कोरबा में 660-660 मेगावाट के दो नए संयंत्र की स्थापना की जाएगी। यह 1320 मेगावाट का सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर स्टेशन प्रदेश का सबसे बड़ा और आधुनिक संयंत्र होगा। इससे एक ओर हम बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होंगे, दूसरी ओर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। हसदेव ताप विद्युत गृह कोरबा पश्चिम में इसके लिए पर्याप्त भूमि है। यहां कन्वेयर बेल्ट से कोयले की सुगम परिवहन की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने 25 अगस्त 2022 को इस संयंत्र की स्थापना का निर्णय लिया था, जिस पर तेज गति से कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी ने आवश्यक अनुमति एवं स्वीकृतियां प्राप्त की। भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय से टर्म ऑफ रिफसेन्स और कोयला मंत्रालय से कोल आबंटन प्रदान कर दिया गया है। इन दोनों संयंत्रों से 2029 और 2030 तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। नए संयंत्र की स्थापना पुराने एचटीपीएस परिसर के रिक्त भूमि 71 हेक्टेयर में होगी। प्रस्तावित नए परियोजना के लिए 28 एमसीएम पानी की आवश्यकता और 6.5 एमटीपीए कोयले की आवश्यकता होगी। नई परियोजना की अनुमानित लागत 12915 करोड़ (9.78 करोड़ प्रति मेगावाट) होगी। इसके पहली इकाई से मार्च 2029 और दूसरी इकाई से मार्च 2030 तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। नए संयंत्र की स्थापना से प्रदेश व देश की बिजली आवश्यकता की पूर्ति होगी, वहीं बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा।

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