गौ माता जाति-धर्म नहीं देखती इसलिए कोई भेद नहीं रखती : डॉ. श्याम सुंदर
0 छठवें दिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने किया कथा श्रवण
-विनोद उपाध्याय
कोरबा (हरदीबाजार)। विधायक पुरुषोत्तम कंवर के निवास में अनवरत चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के छठवें दिन की कथा पर व्यास पीठ से डॉ. श्याम सुंदर पाराशर महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की माखन चोरी, लीला, गोवर्धन पर्वत एवं महारास रुकमणी विवाह की कथा उपस्थित श्रोताओं को सुनाई।
डॉ. श्याम सुंदर ने गौ माता हम सभी मानव जाति के लिए कितना उपयोगी और महत्वपूर्ण है के बारे में बताया। महाराज ने कहा कि गाय में सभी देवी-देवता विद्यमान है। गाय का दूध अमृत तुल्य है। दही, घी, दूध, खोवा, गोबर सब गौ माता से मिलता है। इसका सभी मानव जाति उपयोग करते हैं। जो सद्बुद्धि प्रदान करती है और जात-पात, धर्म नहीं देखती सब पर अपनी कृपा बनाए रखती है। गौ माता का संरक्षण व संवर्धन हम मानव जाति के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि गौ मूत्र भी बहुत औषधीय है, जो कई रोगों का नाश करता है। जो व्यक्ति जीतना बड़े पद पर होता है उसका प्रभाव भी उतना ही होता है, इसलिए आप उच्च पद पर रह कर गलत कर्म करेंगें तो उसका प्रभाव भी नकारात्मक होगा। यदि आप अच्छा कर्म करेंगें तो सकारात्मक प्रभाव उस क्षेत्र प्रदेश फिर देश पर पड़ेगा।
कथा श्रवण करने छ.ग. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, विधायक मोहित राम केरकेट्टा, हरीश परसाई, प्रशांत मिश्रा, सैयद कलाम, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप जायसवाल, राजकिशोर प्रसाद, पोषक दास महंत, पूर्व विधायक बोधराम कंवर, दयाराम कंवर, धनंजय कंवर, मदनमोहन सिंह, रामशरण कंवर, विजय भूषण कंवर, प्रमीला कंवर, मीराकंवर, दुलेश्वरी सिदार, संतोषी दीवान, शिवकला छत्रपाल सिंह कंवर, श्यामू जायसवाल, रमेश अहिर, पुष्पेंद्र शुक्ला, चंद्रहास राठौर, मदनलाल राठौर, कन्हैया राठौर, इंद्रपाल सिंह कंवर, भैयाराम यादव, कौशल श्रीवास, हीरा महराज, मुरली महंत, उत्तम दुबे, रामकुमार कंवर, भूपेंद्र तिवारी चंद्रपुर, पवन शर्मा, कमलेश यादव, अशोक तिवारी, उषा राठौर, प्रभाव सिंह तंवर, अंजना जायसवाल, ठाकुर देवेंद्र सिंह, विकास सिंह, अशोक दुबे, अंतराम डिक्सेना, विजय जायसवाल, कदम यादव, सत्या कंवर, श्रवण कश्यप, प्रताप राठौर, विजय ठाकुर, संतोषी पाटले, जगदीश अग्रवाल, राजाराम राठौर, विनोद उपाध्याय, निलेंद्र राठौर सहित बड़ी संख्या में महिलाएं-पुरुष पहुंचे थे।