December 24, 2024

महापौर के खिलाफ भाजपा पार्षदों ने लाया अविश्वास प्रस्ताव

0 30 पार्षदों का हस्ताक्षरमय पत्र कलेक्टर को सौंपा

कोरबा। नगर पालिक निगम की सियासत गरमा गई है। भाजपा पार्षदों ने महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने भाजपा पार्षदों ने आवेदन किया है। 30 भाजपा पार्षदों के हस्ताक्षरमय अविश्वास प्रस्ताव ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है। साथ ही भाजपा नेताओं ने दावा किया कि निर्दलीय व कुछ कांग्रेसी पार्षदों का भी उन्हें समर्थन है।गुरुवार को भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह, नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल के नेतृत्व में भाजपा पार्षदों ने कलेक्टर को महापौर राजकिशोर प्रसाद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने ज्ञापन सौंपा।

भाजपा नेताओं ने कहा कि शहर में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं, महापौर कुंभकरणीय नींद में सोये हुए हैं। उनको जनता के सुख-दुख से कोई मतलब नहीं है। नगर निगम क्षेत्र की जनता को महापौर के ऊपर अब विश्वास नहीं रहा। महापौर कभी भी निगम कार्यालय में उपलब्ध नहीं होते हैं। सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार का बोल बाला है। महापौर के विरुद्ध फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला लंबित है। नई स्ट्रीट लाइट नहीं आ रही है, जो पुरानी खराब लाइटें हैं वह भी कई महीनों से खराब पड़ी है एवं बनाई नहीं जा रही है। पार्षद निधि 10 लाख रुपये की घोषणा की गई थी, किंतु आज तक केवल 7 लाख तक के ही प्रस्ताव लिए जा रहे हैं। नल जल योजना के तहत 24 घंटे पानी सप्लाई करना था, लेकिन लोगों को 30 मिनट पानी भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है। केंद्र सरकार के करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की बलि चढ़ चुके हैं। सड़कों पर आवारा पशु बैठे रहते हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। आवारा पशुओं से संबंधित योजनाएं सिर्फ और सिर्फ कागजों में ही हैं। बारिश का मौसम है मच्छर बहुत ज्यादा होते हैं। पिछले दो-तीन साल से फॉगिंग मशीन खराब पड़ी हुई है। किसी भी वार्ड में धुआं छिड़काव नहीं हो रहा है। सभी वार्डों में जितने सफाई कर्मचारी नियुक्त होने चाहिए उसके आधे ही कम कर रहे हैं। उनके पास समुचित संसाधन भी नहीं हैं। निगम द्वारा नियमितीकरण को लेकर लगातार तानाशाही की जा रही है जो कि सरासर गलत है। नगर निगम द्वारा स्वच्छता शुल्क संपत्तिकर के साथ जोड़कर लिया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है। प्रदेश के अन्य नगर निगम में स्वच्छता शुल्क संपत्तिकर के साथ जोड़कर नहीं लिया जाता। अवैध संपत्तिकर वसूलने के लिए गलत तरीके से सर्वे कराया जा रहा है। चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने घोषणा की थी कि सभी को स्थायी पट्टा दिया जाएगा, जो कि महापौर का चुनावी जुमला ही साबित हुआ, जिसके कारण आम जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। नगर निकाय अधिनियम अंतर्गत प्रत्येक 2 माह में निगम की सामान्य सभा बुलाई जाती है, किंतु महापौर अब सदन में चर्चा करने से बचते आ रहे हैं। इसके कारण शहर का विकास ठप पड़ा हुआ है। कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में शहरी क्षेत्र में संपति कर 50 प्रतिशत कम करने की घोषणा की थी जो कि आज तक पूरा नहीं हो पाया है। भाजपा पार्षदों ने कहा कि विगत कुछ माह पूर्व महापौर को उनके स्वयं की वार्ड की जनता ने कचरा गोदाम में बंद कर दिया था। महापौर से लगातार अटल आवास की जर्जर व्यवस्था को दूर करने के लिए मरम्त करने की मांग की जा रही है, किंतु आज तक महापौर ने कभी इस ओर कोई सार्थक प्रयास नहीं किया है। जेसीबी, स्वीपिंग मशीन वार्डों में उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। महापौर वित्तीय व्यवस्था करने एवं वित्तीय प्रबंधन करने में असक्षम हैं। चुने हुए अपने लोगों के केवल 3-4 वार्डों में ही कार्य करा रहे हैं। कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा है। महापौर का उनके स्वयं के निर्वाचित वार्ड क्रमांक 14 में भारी विरोध है। उनके ही वार्ड के लोगों ने उनके निवास का घेराव किया था। जब महापौर के ही वार्ड की जनता का उन पर से विश्वास पूरी तरह उठ चुका है, तो शहर की जनता उनका विश्वास कैसे करें ये बहुत बड़ा प्रश्न है। इसे लेकर अंतत: अधिनियम 2019 की धारा 23 (क) के अंतर्गत महापौर पर अविश्वास व्यक्त करते हुए महापौर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने हेतु सम्मेलन तत्काल आहूत किए जाने और अग्रिम कार्रवाई किए जाने का निवेदन किया गया है। इसमें भाजपा के 30 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा गया है। 

इस संबंध में भाजपा नेता अशोक चावलानी ने कहा है कि महापौर विश्वास खो चुके हैं। उनके खिलाफ भाजपा के 30 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। भाजपा ही नहीं बल्कि निर्दलीय व कांग्रेसी पार्षद भी उनके संपर्क में हैं। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह ने कहा कि भाजपा ही नहीं निर्दलीय और कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। इसे लेकर निर्णय लिया गया कि महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। मेरे संपर्क में अभी कोई कांग्रेसी पार्षद नहीं है, लेकिन मुझे विश्वास है कि बहुत सारे कांग्रेसी पार्षद भी उनसे असंतुष्ट चल रहे हैं। मुझे भरोसा है कि वे भी हमारे पक्ष में वोट करेंगे।

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