सरगबुंदिया कोल साइडिंग का संयुक्त टीम ने किया निरीक्षण
0 आंदोलन के अल्टीमेटम के 24 घंटे के भीतर प्रशासन एक्शन में
कोरबा। सरगबुंदिया कोल साइडिंग एवं आबादी के बीच से मार्ग पर हो रहे कोल परिवहन को बंद करने की शिकायत एवं त्वरित कार्रवाई नहीं होने पर जन आंदोलन के अल्टीमेटम के 24 घंटे के भीतर ही जिला प्रशासन एक्शन में गया है। कलेक्टर सौरभ कुमार के निर्देश पर माइनिंग (खनिज विभाग) की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को साइडिंग में पहुंचकर मुआयना किया। टीम के पहुंचते ही ट्रांसपोर्टरों के वाहन चालक मौके से चंपत हो गए।
टीम ने स्थानीय व्यापारियों ग्रामीणों की मौजूदगी में पंचनामा तैयार कर लिया है। जल्द ही प्रकरण में ठोस कार्रवाई के आसार हैं। बरपाली के ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि पिछले 6 माह से सरगबुंदिया रेल्वे स्टेशन को कोल साइडिंग बना दिया गया है एवं बरपाली बस स्टैंड से स्टेशन रोड को कोल परिवहन मार्ग में परिवर्तित कर दिया गया है। इससे ग्रामवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरगबुंदिया रेलवे साइडिंग से बरपाली के अलावा आसपास के गांव बंधवाभांठा, सलिहाभांठा, सरगबुंदिया, डोंगरीभांठा आदि भी प्रभावित हो रहे हैं। सभी गांवों की जनता कोल डस्ट से परेशान हो गई है साथ ही कृषि भूमि पर भी असर पड़ रहा है। ज्ञात हो कि वर्ष 2010 में तत्कालीन जिला कलेक्टर ने इस मार्ग में कोयला परिवहन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया था। बावजूद इसके इस मार्ग में कोयला परिवहन पुन: शुरू कर दिया गया है। जिस मार्ग से कोयला परिवहन किया जाता है उस मार्ग में दो स्कूल, दो बैंक के अलावा आवासीय क्षेत्र है। कोल परिवहन से ग्रामीणों के साथ-साथ छोटे स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उक्त समस्या से पहले भी ग्रामीण प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, किन्तु प्रशासन ने अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की है। गुरुवार को स्थानीय व्यापारियों एवं ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर ग्रामवासियों की समस्या पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए आगामी एक सप्ताह में सरगबुंदिया कोल साइडिंग को बंद करते हुए कोल परिवहन पर रोक लगाने की मांग की थी। पत्र पर प्रशासन की ओर से शीघ्र कार्रवाई नहीं किए जाने की स्थिति में ग्रामवासियों के साथ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। आंदोलन के अल्टीमेटम के बाद जिला प्रशासन सहित संबंधित विभाग तत्काल हरकत में आया। जिले में पदस्थापना के बाद से ही चरमराई प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त करने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे कलेक्टर सौरभ कुमार ने तत्काल खनिज विभाग को जांच के आदेश दिए थे। शुक्रवार को कलेक्टर के फरमान पर खनिज अमला मौके पर पहुंचा। माइनिंग इंस्पेक्टर खिलावन कुलारे के नेतृत्व में माइनिंग की टीम जैसे ही साइडिंग पहुंची कोल साइडिंग में कोयला लोड करने के लिए पहुंचे ट्रांसपोर्टरों के वाहनों (हाइवा, ट्रेलर, ट्रक) के ड्राइवर निरीक्षण टीम को देखकर बिना कोयला लोड किये भागते नजर आए। ग्रामीणों ने बताया कि टीम ने मौके पर ट्रैन के 3 रैक से भी ज्यादा कोयला डंप किया हुआ पाया।