November 22, 2024

धरमजयगढ़ से कोरबा तक रेल कॉरीडोर विकसित करेगा एसईसीएल

0 छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड के द्वितीय चरण को वित्तीय ऋण की स्वीकृति
कोरबा।
प्रधानमंत्री गति शक्ति प्रोजेक्ट के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में एसईसीएल की ओर से विकसित किए जा रहे रेल कॉरीडोर परियोजनाओं के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। रायगढ़ के धरमजयगढ़ से कोरबा तक विकसित किए जा रहे छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड द्वितीय चरण के लिए नई दिल्ली में आयोजित समारोह में पब्लिक सेक्टर बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया व कॉरीडोर के प्रमोटरों के मध्य टर्मलोन डाक्यूमेंट पर हस्ताक्षर किए गए। इससे परियोजना को लगभग 1349 करोड़ रुपये की वित्तीय ऋण की स्वीकृति हासिल हो सकेगी।
छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल), साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, इरकॉन तथा छत्तीसगढ़ राज्य का संयुक्त उद्यम है जिसमें सर्वाधिक 64 प्रतिशत हिस्सेदारी एसईसीएल की है। यह भारत-सरकार चिन्हित स्पेशल रेलवे प्रोजेक्ट में शामिल है। यह परियोजना दो चरण में कार्यान्वित की जा रही है जिसका चरण-एक अधिकांशत: शुरू कर दिया गया है तथा इसके जरिए रायगढ़ अंचल के मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स से कोयले के डिस्पैच में सहूलियत मिल रही है। सीईआरएल के द्वितीय चरण में धर्मजयगढ़ से कोरबा को 62.5 किलोमीटर लंबे रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा। इससे सीईआएल फेस-1 के तहत विकसित किए गए खरसिया-धर्मजयगढ़ लाइन तथा सीईडब्ल्यूआरएल के अंतर्गत विकसित किए जा रहे गेवरा-पेंड्रा रोड लाइन को जोड़ा जा सकेगा। इस रेल लाइन से देश के उत्तरी हिस्सों में कोयले के प्रेषण के लिए वैकल्पिक रेल रूट की सुविधा मिल सकेगी। यह खरसिया से पेंड्रा के बीच लिंक का काम करेगा जिससे कि रायगढ़ कोलफील्ड्स तथा ओडिशा के बसुंधरा कोलफील्ड्स से उत्पादित अतिरिक्त कोयले को देश के उत्तरी व पश्चिमी हिस्से में अवस्थित पावर प्लांटों तक कोयले के डिस्पैच में मदद मिलेगी। सीईआरएल द्वितीय चरण परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1686 करोड़ रुपये है जिसमें ऋण व इक्विटी के तौर पर क्रमश: 80 प्रतिशत व 20 प्रतिशत की फंडिंग की जानी है। यह परियोजना मार्च 2026 तक पूरा हो जाने की आशा है। नई दिल्ली में हस्ताक्षरित टर्मलोन दस्तावेज से रेल कॉरीडोर परियोजना से जुड़े निर्माण कार्य जैसे पूल का निर्माण, पटरी बिछाया जाना आदि में तेजी आएगी। छत्तीसगढ़ में रेल कॉरीडोर परियोजना के आगमन से सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय दृष्टिकोण से लाभ मिलने की आशा है। एसईसीएल कोल इंडिया लिमिटेड के सबसे बड़े सब्सिडरी कंपनियों में शामिल है। कंपनी ने गत वर्ष 167 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया था। सीईआरएल फेस-2 परियोजना प्रधानमंत्री गतिशक्ति मिशन अंतर्गत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजना के रूप में चिन्हित है।

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