November 9, 2024

‘माता भूमि पुत्रो अहं पृथिव्या’ की भावना से ग्राम्य भारती महाविद्यालय में किया गया पौधारोपण

-विनोद उपाध्याय
कोरबा (हरदीबाजार)।
वैदिक काल से ही माना गया है कि वृक्षारोपण एक महान कर्म है एवं एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान है। वैदिक ऋषियों ने भूसंतुलन में वृक्षों को आवश्यक मानकर इनको मातृवत पूजनीय माना है। वृक्ष पृथ्वी की एक ऐसी बहुमूल्य संपदा हैं जो हमें हरियाली, शुद्ध ऑक्सीजन, औषधि, फल इत्यादि प्रदान करने के साथ-साथ हमारे शरीर को निरोग रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। इसी महत्ता को जन-जन तक पहुंचाने तथा शुद्ध वातावरण एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय, हरदीबाजार में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में एक पेड़ एक जान की थीम पर एक वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय परिसर में कई छायादार वृक्ष लगाए गए।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. शिखा शर्मा के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. अखिलेश पाण्डेय ने कहा कि वृक्ष देव तुल्य हैं। वातावरण में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रण में रखने और स्वच्छ वायु प्रदान करने के उद्देश्य से वृक्षारोपण अति आवश्यक हो गया है तथा वृक्षारोपण करते हुए वृक्ष संपदा को निरंतर संरक्षित कर उसे जीवित रखना हम सब का परम कर्तव्य है। मौके पर प्राणिशास्त्र के वरिष्ठ प्राध्यापक के.के. चौधरी भी उपस्थित थे, जिन्होंने अंधाधुंध पेड़ों की कटाई की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वनोन्मूलन के चलते मानव जीवन के सामने शुद्ध पर्यावरण का खतरा पैदा हो गया है। इसके निवारण के लिए जमीनी स्तर पर बड़े अभियान चलाकर लोगों में जागरूकता लाने की जरुरत है, जिसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। वनस्पतिशास्त्र की अतिथि व्याख्याता डॉ. रानू राठौर ने कहा कि आज के समय में छाया की सबको जरूरत है, लेकिन पौधे लगाना कोई नहीं चाहता है। आज हम पौधे लगाकर अपना कल सुरक्षित कर सकते हैं। भूगर्भशास्त्र की अतिथि व्याख्याता डॉ. उत्सा दास गुप्ता ने कहा कि जिन वृक्षों के नीचे बैठकर हमारे ऋषि-मुनियों ने ब्रह्मांड के गूढ़ रहस्यों का ज्ञान प्राप्त किया, पूर्व काल में जिन वृक्षों के नीचे बैठकर अनेक छात्र देश के राजा, दार्शनिक, राजनीतिज्ञ, विद्वान कवि इत्यादि बने, जिन वृक्षों ने आदि काल से ही हमारे भोजन की व्यवस्था की, उन वृक्षों के महत्व का स्मरण कर प्रत्येक भारतीय को अपने जन्मदिन पर वृक्षारोपण कर उन पौधों को बचाने का संकल्प लेना ही चाहिए। डॉ. प्रेरणा गुप्ता, कल्याण सिंह नेताम, गुलशन देवांगन तथा रासेयो के आकाश कुमार, भूपेंद्र पाल कंवर, विक्रम सिंह, देव प्रकाश, अमित कुमार, कृष्णकांत चैहान, चित्ररेखा, नम्रता साहू एवं अन्य स्वयंसेवकों ने शारीरिक श्रम कर महाविद्यालय परिसर को सुंदर तथा स्वच्छ बनाने का सराहनीय कार्य किया।

Spread the word