दो सावन और रक्षाबंधन के बाद अब जन्माष्टमी भी दो दिन
0 पंचांग की गणना के अनुसार अब दो दो दिन पड़ने लगे हैं त्योहार
कोरबा। पंचांग की गणना के अनुसार त्योहार अब दो-दो दिन पड़ने लगे हैं, जिसे लेकर मानने वालों में भ्रम की स्थिति बनने लगी है। इस बार दो सावन थे। चार दिन पहले ही रक्षाबंधन त्योहार को लेकर भी यही स्थिति बनी थी। आधे लोग 30 को तो आधे 31 अगस्त को मनाया। अब जन्माष्टमी त्योहार को लेकर भी कुछ इसी तरह की स्थिति बन गई है। इस त्योहार की खुशी भी दो दिन तक रहने वाली है। बहरहाल बाल गोपाल का जन्म उत्सव मनाने को लेकर जहां तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, वहीं श्रृंगार व साज सज्जा के सामानों से व्यावसायिक प्रतिष्ठान सज गए हैं।
इस बार 6 व 7 दोनों ही दिन जन्माष्टमी का संयोग बन रहा है। अष्टमी तिथि की आधी रात 6 सितंबर को पड़ रही है इसलिए जन्माष्टमी की पूजा उसी दिन की जाएगी। पंडितों के अनुसार गृहस्थ जीवन जीने वालों को 6 सितंबर को ही यह पर्व मनाना चाहिए। 7 सितंबर को वैष्णव लोग जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे। ज्योतिषी के अनुसार 6 सितंबर को शाम 7.47 बजे से अष्टमी तिथि आरंभ हो रही है और यह अगली शाम 7.50 बजे तक रहेगी। भगवान कृष्ण का जन्म भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में हुआ था। यह योग 6 सितंबर को ही बन रहा है। आयोजन की यहां चल रही है तैयारी नगर में श्री सप्तदेव मंदिर सीतामढ़ी, रविशंकर शुक्ल नगर के श्री कपिलेश्वरनाथ मंदिर, वनवासी कल्याण आश्रम व दीपका के राधा कृष्ण मंदिर, बालको के श्रीराम मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव भव्य व उल्लास के साथ मनाया जाता है।