धरना प्रदर्शन से प्रबंधन आया हरकत में, रोजगार प्रक्रिया को निपटाने का आश्वासन
0 गेटबंदी आंदोलन किया गया स्थगित
कोरबा। एसईसीएल दीपका क्षेत्र से प्रभावित ग्रामीण रोजगार व अन्य मांगों को लेकर जीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के चौथे दिवस गुरुवार को प्रबंधन के साथ हुई बैठक में तीन दिन के भीतर मुख्यालय में लंबित प्रकरणों के निराकरण करने की पहल का आश्वासन दिया गया। इसे लेकर भू-विस्थापितों ने आज होने वाले गेटबंदी आंदोलन को स्थगित कर दिया है। उनका कहना है कि मांग पूरी नहीं हुई तो 21 सितंबर को प्रस्तावित खदानबंदी के लिए वे बाध्य होंगे।
आंदोलनकारी भू-विस्थापितों ने बताया कि प्रबंधन के अफसरों ने बैठक में उन्हें आश्वासन दिया है कि तीन दिन के भीतर बिलासपुर मुख्यालय प्रभावितों को ले जाया जाएगा, जहां लंबित प्रकरणों के निपटारे का प्रयास किया जाएगा। इस पर भू-विस्थापितों ने गेटबंदी आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया। प्रभावितों ने एक सितंबर को मलगांव फेस पर तीन दिन तक अनशन किया था। भू-विस्थापितों का कहना है कि प्रबंधन ने अनशन को यह कहकर समाप्त कराया था कि लंबित रोजगार व अन्य मांग को एसईसीएल बिलासपुर हेड क्वार्टर से अग्रिम कार्रवाई कर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि हमेशा की तरह एसईसीएल ने अपना आश्वासन पूरा नहीं किया। मजबूरन बार-बार आंदोलन के लिए उन्हें बाध्य होना पड़ा रहा है। सोमवार को एसईसीएल दीपका जीएम कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया था। लगभग 2 घंटे प्रदर्शन के बाद जीएम दफ्तर के सामने ही तंबू लगाकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों की मांग है कि एसईसीएल दीपका क्षेत्र द्वारा पूर्व में अधिग्रहित ग्रामों में रोजगार के लिए लागू नियमों का पालन कर सभी को रोजगार प्रदान किया जाए। अर्जन के बाद जन्म लेने वाले आश्रितों को भी रोजगार दिया जाए। पूर्व में लागू 1988 के नियम में अर्जन के बाद जन्म लेने वाले आश्रितों के रोजगार नहीं देने कोई उल्लेख नहीं है। पुराने प्रकरणों पर तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। आश्वासन पर जरूर गेटबंदी नहीं होगी, लेकिन पुन: आश्वासन से मुकरने पर वे 21 सितंबर को खदान बंद करने बाध्य होंगे।