December 24, 2024

कोयला खदानों में हड़ताल को टालने शुरू हुई पहल

0 चेयरमैन ने श्रमिक संघ प्रतिनिधियों की 27 सितंबर को बैठक बुलाई
कोरबा।
कोल सेक्टर में हड़ताल के आसार हैं। कोयला कामगारों को 11वां वेतन समझौता पर आए उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद कोयला मंत्रालय ने प्रस्ताव डिपार्टमेंट आफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (डीपीई) को भेज दिया। इसेक साथ ही हड़ताल को टालने के लिए कोल इंडिया ने पहल शुरू कर दी और चेयरमैन ने श्रमिक संघ प्रतिनिधियों की 27 सितंबर को बैठक बुलाई है।
जुलाई 2021 से लंबित कोयला कामगारों का 11वां वेतन समझौता पर 20 मई 2023 को जेबीसीसीआई की बैठक में सहमति बनी और इसके बाद जून माह में मिलने वाला वेतन बढ़े हुए दर पर भुगतान किया गया। वहीं 23 माह का लंबित एरियर का भुगतान अगस्त के वेतन के साथ माह सितंबर में एकमुश्त प्रदान किया गया। कर्मचारी अभी इसकी खुशी ठीक से मना नहीं पाए थे कि अधिकारियों ने वेतन समझौता को डीपीई गाइड लाइन का उल्लंघन बताया और अधिकारियों से अधिक वेतन होने का विरोध जताते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर मध्य प्रदेश, बिलासपुर छत्तीसगढ़ व दिल्ली में याचिका दायर कर दी। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद वेतन समझौता को रद्द कर डीपीई को भेजने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही 60 दिन के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया। इसके साथ ही वेतन समझौता का मामला अटकता दिखाई पड़ने लगा है। श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने बैठक कर अधिकारियों की कार्य प्रणाली की न केवल निंदा की, बल्कि तीन दिवसीय हड़ताल की चेतावनी दे दी है। इधर कोयला मंत्रालय के अवर सचिव अरविंद कुमार ने डीपीई के सचिव व निदेशक को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष दायर मामले का संदर्भ लेने कहा है। साथ ही कहा है कि याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि हाल ही में लागू एनसीडब्ल्यूए-11 डीपीई के 24 नवंबर 2017 के दिशानिर्देश के खंड (चार) और (पांच) का उल्लंघन है। कामगारों का वेतनमान अफसरों से अधिक नहीं हो सकता है। कोल इंडिया लिमिटेड ने कोयला मंत्रालय को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, इसके कारण मंत्रालय द्वारा एनसीडब्ल्यूए-11 की पुष्टि की गई है। उच्च न्यायालय ने कोयला मंत्रालय की 22 जनवरी, 2023 की मंजूरी रद्द कर दी गई है। इसलिए उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निर्णय लेने के लिए मामला डीपीई को भेजा गया है। इसके साथ ही अब गेंद डीपीई के पाले में पहुंच गई है। चूंकि 60 दिन के भीतर निर्णय लेना है, इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बैठक कर डीपीई इस मुद्दे पर कोई निर्णय लेगा।

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