सनातन जागृति यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
0 धर्म, धर्मशास्त्र व उससे जुड़े संस्कारों से हमारा अस्तित्व : देवकी नंदन
कोरबा। कटघोरा नगर में तलवानिया बंसल परिवार की ओर से पितृमोक्ष श्राद्ध निमित्त श्रीमद भागवत कथा के आयोजन का शुक्रवार को समापन हुआ। श्रीमद भागवत कथा का वाचन देश के प्रसिद्ध भगवताचार्य देवकी नंदन ठाकुर महाराज ने किया। समापन मौके पर महाराज देवकी नंदन ने सनातन धर्म को लेकर जागृति रैली निकाली। इस मौके पर हिंदू धर्मावलंबियों की हजारों की संख्या में उपस्थिति रही। रैली 2 किलोमीटर तक नगर का भ्रमण कर महागौरी मंदिर पहुंची, जहां महाराज देवकी नंदन ठाकुर ने सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था को लेकर जन जागरूक किया।
इस मौके पर चर्चा के दौरान भगवताचार्य देवकी नंदन ठाकुर ने सनातन धर्म पर गलत बयानबाजी करने वाने नेताओं पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सवैधानिक पद पर रहकर सनातन धर्म को कोरोना, मलेरिया, एचआईवी तथा कुष्ठ रोग कहना पूरी तरह गलत है। ऐसे लोग सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब जब तक नहीं मिलेगा तब तक वे चुप नही रहेंगे। धर्मांतरण को लेकर उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा कानून बनाने की जरूरत है जिससे दूसरों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वालों को रोका जा सके। छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार से उन्होंने गौ संरक्षण को लेकर कहा कि गाय हम सनातनियों की गौ माता है इसकी पूजा की जाती है इसका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि धर्म, धर्मशास्त्र व उससे जुड़े संस्कारों से हमारा अस्तित्व है। सनातनियों को अपने धर्म के प्रति समर्पित व कट्टर होना चाहिए। सनातन धर्म की जागृति यात्रा में महागौरी मंदिर में यात्रा के समापन पर श्राताओं से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि हमारे धर्म, संस्कृति, परंपरा के खिलाफ लोग अक्सर बोल देते थे। व्यंग्य करते हुए कटाक्ष करते हैं, परंतु हम मौन रहते हैं। हम उसका प्रतिकार नहीं करते, हमें लगता है कि धर्म के लिए कह रहा है उससे हमें क्या पड़ी है, उसके खिलाफ कोई दूसरा आवाज उठाए। यही हमारी कायरता है, जो गुलामी की ओर ले जाती है। धर्म के प्रति उठने वाली हर आवाज व कार्य का सनातनियों को मुखर जवाब देना सीखना होगा। सनातन धर्म पर विवादित बयान को लेकर धर्माचार्यों में रोष है। धर्मगुरु देवकीनंदन महाराज ने ऐसे सनातन विरोधी बयानों को सोची-समझी साजिश बताते हुये इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। रोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन को मिटाया नहीं जा सकता। इतिहास जानता है कि सनातन को मिटाने की बात करने वाले खुद मिट गये, लेकिन सनातन आज भी जीवित है और हमेशा रहेगा।