गौरव पथ को भारी वाहनों से मुक्त कराने गांधी जयंती पर आंदोलन
0 आंदोलन में 45 दिन से डटे हैं दीपका के लोग
कोरबा। नगर पालिका परिषद दीपका गौरव पथ संघर्ष समिति ने एसईसीएल दीपका गेवरा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधकों को ज्ञापन सौंपा है। समिति के उमा गोपाल, बंशी दास महंत ने कहा है कि खदान से निकलने वाले भारी वाहनों का परिचालन गौरव पथ मार्ग से हो रहा है, जो कि पर्यावरण मंत्रालय से जारी पर्यावरणीय स्वीकृति और आदेश का खुलेआम उल्लंघन है। इस मार्ग में भारी वाहनों के कारण आसपास का वातावरण दूषित व मानव जीवन के लिए खतरा हो रहा है। कीचड़ सड़क में अव्यवस्था आदि समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं। किसी भी गांव के बीच से कोयला परिवहन प्रतिबंधित होने के बाद भी यह कार्य बदस्तूर जारी है। गौरव पथ मार्ग छोड़कर किसी अन्य मार्ग से कोयला परिवहन हेतु निर्देशित किया जाए। इसे लेकर 2 अक्टूबर को आंदोलन का ऐलान किया गया है।
नगर पालिका दीपका ने आधिकारिक तौर पर आपत्ति दर्ज कराई है, जिसमें एसईसीएल दीपका गेवरा के प्रबंधन को वैकल्पिक मार्ग निकालने हेतु निर्देशित भी किया गया है और कोरबा जिला के जिलाधीश के समक्ष पत्र भी प्रस्तुत है, इसलिए गौरव पथ मार्ग से अलग वैकल्पिक मार्ग की रूपरेखा तैयार कर उसका तत्काल निर्माण किया जाए। वर्ष 2016 में गौरव पथ के वैकल्पिक मार्ग का निर्माण एसईसीएल के सीएसआर मद से कराया गया था, किंतु निर्माण उपरांत भी दीपका व गेवरा प्रबंधन ने गौरव पथ मार्ग से भारी वाहनों का परिचालन बंद नहीं किया है। मांग है कि तत्काल पूर्व से निर्मित वैकल्पिक मार्ग बाइपास रोड से चलवाए जाए। कलेक्टर द्वारा वर्ष 2008 में मात्र अंबिकापुर-कटघोरा की तरफ जाने वाली गाड़ियों को ही इस सड़क पर चलने हेतु गौरव पथ को मार्ग बताते हुए एक अन्य मार्ग व्हाया डूमरकछार का उल्लेख अपने आदेश में किया गया था। बाद में इसका प्रकाशन राजपत्र में हुआ। आंदोलनकारियों ने मांग की है कि कटघोरा-अंबिकापुर जाने वाली गाड़ियों को इस मार्ग का इस्तेमाल करने हेतु निर्देशित किया जाए। गौरव पथ संघर्ष समिति के उमा गोपाल, बंशी दास महंत ने 2 अक्टूबर को दीपका चौक में आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने के एक घंटे उपरांत एसईसीएल दीपका के नव पदस्थ मुख्य महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने गौरव पथ मार्ग का औपचारिक निरीक्षण करते हुए आंदोलनकारियों से मुलाकात कर चर्चा किया और कहा कि प्रशासनिक अधिकारी नगर प्रशासन के अधिकारी और एसईसीएल के आला अधिकारी की उपस्थिति में बैठक कर इस मार्ग का उचित निर्णय लिया जाएगा।