November 22, 2024

पितृपक्ष शुरू, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए होंगे अनुष्ठान

कोरबा। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान शुक्रवार से शुरू हो गए हैं। मान्यता है कि पितृपक्ष में किए गए तर्पण से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। इसका 14 अक्टूबर को समापन होगा। इस बार पितृपक्ष 16 दिन का रहेगा। बता दें कि पितृ पक्ष, भाद्रपद मास की पूर्णिमा यानी पौष्टपदी पूर्णिमा से ही शुरू हो जाती है। इस वर्ष 3 अक्टूबर को चतुर्थी और पंचमी एक ही दिन रहेगी, जबकि सप्तमी तिथि 6 और 7 अक्टूबर दो दिन की है। मान्यता है कि मंत्रों के साथ काली तिल, चावल और कुशा मिश्रित जल से तर्पण करने से पितृ दोष शांत होता है। पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक याद करके उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है। श्राद्ध न केवल पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है, बल्कि उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए भी किया जाता है। मान्यता है कि पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। वहीं पितृपक्ष समाप्त होने के बाद नवरात्रि शुरू होगी।

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