December 24, 2024

भाजपा को 33 बरस से पाली-तानाखार विधानसभा सीट पर जीत का इंतजार

0 सर्वाधिक 8 बार कांग्रेस ने दर्ज की है जीत
0 भाजपा ने 2, जीजीपी, जेएनपी, बीजेएस और निर्दलीय ने 1-1 चुनाव जीता

कोरबा।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पाली-तानाखार विधानसभा सीट कोरबा जिले की काफी महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। यह सीट काफी पुरानी है और यहां पहला चुनाव साल 1957 में हुआ। तब यह सीट केवल तानाखार विधानसभा सीट के नाम से जानी जाती थी। इस सीट पर भाजपा ने अंतिम बार 1990 के चुनाव में जीत अर्जित की थी। 33 बरस से भाजपा को इस सीट पर जीत का इंतजार बना हुआ है। इस बार भी गत चुनाव के प्रत्याशी रामदयाल उइके पर पार्टी ने भरोसा जताया है।
पहली बार हुए चुनाव में कांग्रेस से यज्ञसेनी कुमारी और निर्दलीय प्रत्याशी आदित्य प्रताप सिंह चुनाव मैदान में उतरे। पहले चुनाव में इस विधानसभा सीट में कुल 38782 मतदाता थे, जिनमें से 9174 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जब परिणाम सामने आए तो कांग्रेस की यज्ञसेनी कुमारी को 4006 वोट मिले, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी आदित्य प्रताप सिंह को 2775 वोट मिले। इस तरह यज्ञसेनी कुमारी ने यह चुनाव 1231 वोट के अंतर से जीता। पाली-तानाखार विधानसभा सीट में अब तक कुल 14 चुनाव हुए हैं। इस सीट से सर्वाधिक 8 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इसी तरह भारतीय जनता पार्टी ने यहां से दो बार चुनाव जीता है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी ने यहां से 1-1 चुनाव जीता है। वहीं साल 1972 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लाल कीर्तिकुमार सिंह ने इस सीट से चुनाव जीता था। छत्तीसगढ़ गठन के बाद से यहां कांग्रेस का कब्जा बना हुआ है। मध्यप्रदेश से अलग होकर जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तो साल 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। तब से लेकर अब तक कुल 4 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें कांग्रेस का कब्जा रहा है। साल 2003, 2008 और 2013 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामदयाल उइके ने जीत दर्ज की। इसी तरह 2018 में कांग्रेस के मोहित राम केरकेट्टा ने चुनाव जीता।
0 गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का रहा है दबदबा
पाली-तानाखार विधानसभा सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) का दबदबा रहा है। इस सीट में अब तक कुल 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें से जीजीपी पिछले 6 चुनाव में न केवल मजबूती के साथ चुनाव लड़ा, बल्कि 1 बार विधानसभा चुनाव जीता और 5 बार दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई। साल 1990 में भाजपा के पूर्व विधायक हीरा सिंग मरकाम ने इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा। हालांकि वे चुनाव हार गए और दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद उन्होंने 1991 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठन किया। साल 1993 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से हीरा सिंग मरकाम फिर चुनावी मैदान में उतरे और महज 2836 वोट के अंतर से चुनाव हार गए। साल 1998 में जीजीपी ने पहली जीत दर्ज की और हीरा सिंग मरकाम ने 10289 वोट के अंतर से चुनाव जीता। इसके बाद साल 2003, 2008, 2013, 2018 में हुए चुनावों में भी हीरा सिंग मरकाम ने जीजीपी की ओर से चुनाव लड़ा, लेकिन वे जीत नहीं पाए। हालांकि उनकी पार्टी इन सभी चुनावों में दूसरे स्थान पर रही। पिछले चुनाव में तो उन्हें 33 फीसदी वोट मिले थे।
0 पाली-तानाखार सीट से अब तक रहे विधायक
वर्ष – विधायक – पार्टी

1957 – यज्ञसेनी कुमारी – कांग्रेस
1962 – यज्ञसेनी कुमारी – कांग्रेस
1967 – एम लाल – बीजेएस
1972 – लाल कीर्ति कुमार – निर्दलीय
1977 – विशाल सिंह – जेएनपी
1980 – लाल कीर्ति कुमार – कांग्रेस
1985 – हीरा सिंग मरकाम – भाजपा
1990 – अमोल सिंग सलाम – भाजपा
1993 – बोधराम – कांग्रेस
1998 – हीरा सिंग मरकाम – जीजीपी
2003 – रामदयाल उइके – कांग्रेस
2008 – रामदयाल उइके – कांग्रेस
2013 – रामदयाल उइके – कांग्रेस
2018 – मोहित राम केरकेट्टा – कांग्रेस

Spread the word