भाकपा और माकपा कोरबा व कटघोरा में संयुक्त रूप से लड़ेंगे चुनाव
0 भाकपा ने कोरबा से सुनील सिंह को और माकपा ने कटघोरा से जवाहर सिंह कंवर बनाया है अपना प्रत्याशी
कोरबा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने विधानसभा क्षेत्र कोरबा और कटघोरा क्षेत्र में मिलजुलकर प्रचार करने की घोषणा की है। कोरबा से भाकपा के सुनील सिंह और कटघोरा से माकपा के जवाहर सिंह कंवर को अपना प्रत्याशी बनाया है।
माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा और भाकपा के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि पार्टी ने संयुक्त प्रत्याशी खड़ा किया है। साथ ही कार्यकर्ताओं को एकजुटता के साथ कार्य करने कहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों की सरकार रही है, लेकिन उनकी कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के कारण विनिवेशीकरण और निजीकरण की नीतियों को ही आगे बढ़ाया गया है। जिनके कारण आम जनता विशेष कर असंगठित मजदूरों की बदहाली बढ़ रही है। यही कारण है कि आज प्रदेश में नियमित मजदूर से ज्यादा संख्या ठेका मजदूर संविदा कर्मचारी, दैनिक वेतन भोगियों एवं अनियमित कर्मचारियों की है। इनका भरपूर शोषण किया जा रहा है, जिनके पास रोजगार की कोई सुरक्षा नहीं है।
दोनों वामपंथी नेताओं ने कहा कि जिले में अंधाधुंध औद्योगीकरण के कारण बड़े पैमाने पर गरीबों का विस्थापन हो रहा है, लेकिन उनके पुनर्वास की चिंता से दोनों पार्टियों का कोई सरोकार नहीं रहा है। इसके कारण एसईसीएल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र भी अपने सामाजिक दायित्वों को पूरा करने से इनकार कर रहे हैं, और भू-विस्थापितों को उनकी जमीन लौटाने और पुनर्वास भूमि का पट्टा देने से इनकार कर रहे हैं आदिवासी वन अधिकार कानून और पेसा कानून को लागू ही नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरबा और कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस-भाजपा का राजनैतिक और नीतिगत विकल्प भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ही है, जिसने किसान सभा, सीटू, एटक के साथ मिलकर आम जनता की समस्याओं को हल करने के लिए ईमानदारी से संघर्ष किया है। इन संघर्षों के कारण आज आम जनता बदलाव के मूड में है। माकपा और भाकपा का संयुक्त प्रचार अभियान एक राजनैतिक शक्ति के रूप में उभरेगा और विधानसभा में प्रदेश के लिए एक तीसरा विकल्प का दरवाजा भी खुलेगा।