जले हुए कन्वेयर बेल्ट में पूरा हुआ सुधार कार्य, शुरू हुई कोयला आपूर्ति
कोरबा। बीते रविवार को एचटीपीपी संयंत्र के कन्वेयर बेल्ट में आग लगने की घटना से खदान से संयंत्र तक कोयले की आपूर्ति प्रभावित रही। मगर इस दौरान कोयले के स्टॉक रहने से बिजली उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा। जरूरी सुधार कार्य के बाद अब फिर से तीनों कन्वेयर बेल्ट से कोयले की आपूर्ति की जा रही है।
सर्वाधिक बिजली आपूर्ति करने वाली उत्पादन कंपनी के एचटीपीपी संयंत्र के तीनों कन्वेयर बेल्ट से पावर प्लांट तक कोयला पहुंचने लगा है। 4 दिन पहले कन्वेयर बेल्ट में आग लगने के बाद कोयले की आपूर्ति प्रभावित हुई थी। आग पर काबू पा लेने के बाद जरूरी सुधार कार्य कराया गया। अब तीनों कन्वेयर बेल्ट से पहले की तरह संयंत्र को कोयले की आपूर्ति की जा रही है। एचटीपीपी संयंत्र की कोयला जरूरतों को एसईसीएल कुसमुंडा खदान पूरा कर रही है। खदान से संयंत्र तक कन्वेयर बेल्ट बिछाई गई है। 210 मेगावाट की चार इकाई के लिए दो और 500 मेगावाट की एक इकाई के लिए एक कन्वेयर बेल्ट है, जिसके माध्यम से कोयला संयंत्र तक पहुंचता है। एचटीपीपी संयंत्र के एक अधिकारी ने बताया कि सामान्य दिनों में संयंत्र तक 24 हजार टन कोयले की आपूर्ति होती है। अभी दशहरा पर्व के मद्देनजर त्योहारी सीजन में 18 हजार टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। संयंत्र के तीनों ही कन्वेयर बेल्ट से पहले की तरह ही संयंत्र तक कोयले की आपूर्ति हो रही है। एचटीपीपी पावर प्लांट के विस्तार से सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी के 660 मेगावाट की दो यूनिट लगेगी। पहली बार 1320 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। अभी एचटीपीपी पावर प्लांट की क्षमता 1340 मेगावाट की है। 210 मेगावाट की 4 इकाई और 500 मेगावाट की एक इकाई स्थापित है। नए पावर प्लांट को भी कन्वेयर बेल्ट के जरिए कोयले की आपूर्ति की जाएगी। कोयला लिंकेज नीति थर्मल पावर फर्मों के बीच कोयले के आवंटन को लेकर तैयार गाइडलाइन है। इसी के तहत एचटीपीपी के नए पावर प्लांट को कोयले की सप्लाई होगी। संयंत्र की कोयला जरूरतों को कोल इंडिया की कोल लिंकेज पॉलिसी से पूरा किया जाएगा। ऊर्जा विभाग और केन्द्रीय बिजली प्राधिकरण की सिफारिश पर कोयला मंत्रालय के स्टैडिंग कमेटी की बैठक में यह निर्णय ले चुके हैं।