पहली बार कोरबा में इतने एकजुटता से लड़ रही भाजपा, कांग्रेस खेमे में खलबली
कोरबा। कोरबा विधानसभा में भाजपा पहली बार संगठित होकर चुनाव लड़ रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जिस रणनीति के तहत लखनलाल देवांगन पर भरोसा जताते हुए कोरबा विधानसभा से मैदान में उतारा अब उसका जमीनी स्तर पर असर दिखने लगा है। भाजपा नेताओं की एकजुटता का ही असर है कि कांग्रेस की रणनीति जमीनी स्तर पर विफल होते नजर आ रही है।
भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन जला अध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक चावलानी, पूर्व महापौर जोगेश लांबा, कोषाध्यक्ष गोपाल मोदी, नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल, सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र पांडे, वरिष्ठ भाजपा नेता केदारनाथ अग्रवाल को एक सूत्र में पिरोने में पूरी तरह कामयाब हो गए हैं। दरअसल पिछले तीन चुनाव में भाजपा पूरे दमखम से चुनाव लड़ती रही है, लेकिन जिस तरह इस बार अशोक चावलानी चुनाव का संचालन कर रहे हैं, जोगेश लांबा भाजपा प्रत्याशी देवांगन के हर कदम पर साथ चल रहे हैं।,उससे कांग्रेस खेमे में चिंता बढ़ गई है। दरअसल पुराने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में लखन और अशोक चावलानी की जबरदस्त पकड़ है। जोगेश लांबा के महापौर के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों के साथ-साथ उनकी एक अच्छी खासी संख्या में भाजपा पार्षद भी थे। उन पार्षदों का आज भी अपने वार्ड में पकड़ मानी जाती है। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल जिस तरह से बालको क्षेत्र के वार्डों में अपनी पकड़ मजबूत करके रखे हुए हैं, वहां कांग्रेस को बहुत बड़ा नुकसान होने की संभावना पहले से ही नजर आने लगी है।
0 कांग्रेस सिर्फ झंडे और शोर शराबा तक सीमित
कांग्रेस का चुनावी अभियान इस बार झंडे से पाटना और शोर शराबा तक ही सीमित रह गया है। दरअसल 15 साल में जिस तरह समस्या शहर में बढ़ी और उनका निदान करने में निगम और सरकार विफल रही, उससे जनता के बीच नाराजगी इस हद तक है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कई जगह जनसभा से वापस लौटना पड़ रहा है। पुराने शहर के एक वार्ड में तो माननीय को लोगों की नाराजगी का सामना तक करना पड़ गया था।