स्मृति ईरानी का कार्यक्रम हुवा कैंसिल
कोरबा। ऊर्जाधानी में मतदाताओं को साधने के लिए ”क्योंकि सास भी कभी बहू थी” कि ”तुलसी” यानी स्मृति ईरानी का प्रवास कोरबा में बनाया गया था। लोग बतौर नेता न सही लेकिन, लेकिन सास बहू के सीरियल की एक आदर्श बहू तुलसी का इंतजार जरूर कर रहे थे। कोंडागांव में तुलसी पहुंची भी लेकिन कोरबा में उनका दौरा कैंसिल हो गया। दरअसल सूत्रों का दावा है कि कोरबा में स्थानीय नेताओं ने बीजेपी की लुटिया डुबो दी है। कटघोरा में आम सभा और कोरबा में रोड शो, दोनों ही कार्यक्रम कैंसिल हो गए जिससे कई गुटों में बंटे बीजेपी का भी एक गुट काफी खुश है, जबकि प्रत्याशियों का चेहरा लटक गया है। खासतौर पर कोरबा विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी के पास जनता को साधने के लिए कुछ बचा ही नहीं है।
0 स्थानीय नेता चीखते रहे और लोग बोर होते रहे
कटघोरा में स्मृति ईरानी के आने का समय दोपहर 3 बजे निर्धारित था। इसके पहले वह कोंडागांव में सभा कर चुकी थी। अब उनके कोरबा आने का इंतजार हो रहा था। सभा में स्मृति तो नहीं पहुंची, लेकिन कोरबा जिले के स्थानीय नेता मंच से चीख रहे थे। अब इन्हें सुनकर लोग उकताने लगे, पंडाल खाली होने लगा। लोग कुर्सी छोड़कर भागने लगे। उन्हें स्थानीय नेताओं के चेहरे और बातों में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह देखने आए थे तो, अपने सीरियल की बहू तुलसी को। समय 3 का था, देखते ही देखते 4 बज गए। जब तुलसी नहीं पहुंची तो रहे सहे लोगों भी भागना शुरू कर दिए। आधे घंटे में वह भी खाली हो गई, इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि स्थानीय नेताओं ने कम से कम जिले में तो बीजेपी की लुटिया पूरी तरह से डुबो ही दी है।
0 बीजेपी को लगातार मिल रहे झटकों से संगठन परेशान
जिले में बीजेपी के संगठन में जान बची नहीं है। संगठन पूरी तरह से निष्क्रिय, सुस्त पड़ा हुआ है। इसकी जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को भी है। इसलिए वह केंद्र स्तर के नेताओं को यहां भेज रहे हैं। एक दिन पहले झारखंड के राज्यसभा सांसद भी आए थे। यहां के नेताओं में जान बची नहीं, इसलिए बेलतरा विधायक को बुलवाकर यहां प्रेसवार्ता करवाई जाती है। स्तानीय नेताओं के करगुजारियों का ही नतीजा है की स्मृति ईरानी जैसी स्टार प्रचारक का दौरा कैंसिल हो गया।