चुनावी प्रचार हुआ हाईटेक, सोशल मीडिया में पकड़ा जोर
0 वीडियो और फोटो को आकर्षक रूप में कर रहे पेश
कोरबा। चुनाव का तरीका अब बैलेट पेपर से ईवीएम के रूप में हो चुका है। इसके साथ ही चुनावी प्रचार का तरीका भी पूरी तरह बदल चुका है। मौजूदा समय में हाईटेक चुनावी प्रचार होने लगा है। सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। पार्टियों के सोशल मीडिया प्रभारी और कार्यकर्ता प्रत्याशियों के वीडियो और फोटो को आकर्षक रूप से पेश कर अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
चुनाव का बिगुल बज गया। दूसरे चरण में 17 नवंबर को कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार और रामपुर विधानसभा की सीट पर मत डाले जाएंगे। आज से ठीक 8वें दिन मतदाता उम्मीदवारों की किस्तम ईवीएम में लॉक करेंगे। जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है, प्रत्याशियों की नींद उड़ने लगी है। सुबह से देर रात तक प्रत्याशी चुनाव प्रचार में लगे हैं। अपने विरोधियों पर हमला करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। युवा वोटरों तक पहुंचने के लिए हाईटेक वार रूम तैयार किया है। इसमें सूचना तकनीक के जानकारों की मदद ली जा रही है। यह टीम प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार की वीडियो और फोटो को आकर्षक रूप देकर सोशल मीडिया पर साझा कर रही है। विरोधी दल के प्रत्याशी की पुरानी या नई वीडियो को नया रूप में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा कर रही है। चुनाव प्रसार के दौरान के एक-दूसरे से सवाल पूछ रहे हैं। हाईटेक चुनाव प्रचार में कांग्रेस और भाजपा सबसे आगे हैं। दोनों पार्टियों ने हाईटेक प्रचार पर बड़ी राशि खर्च की है। बताया जाता है कि 5 से 10 लोगों की एक टीम डिजिटल वार रूम में बैठकर सुबह से शाम तक काम कर रही है। प्रत्याशियों की टीम फेसबुक, एक्स (ट्वीटर) और इंस्टाग्राम जैसे साइट पर सक्रिय हैं। चुनाव से जुड़ी फोटो और वीडियो शेयर कर रही है। वाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप में खबरें भेज रही है। नेताओं के साथ-साथ उनके समर्थकों में भी सोशल मीडिया पर अलग-अलग नाम से कई अकाउंट तैयार किये हैं। इसमें चुनाव प्रचार से जुड़ी खबरें साझा की जा रही है। इस पर नजर रखना निर्वाचन आयोग के लिए भी मुश्किल काम साबित हो रहा है। हालांकि निर्वाचन आयोग की टीम की सोशल मीडिया के हर एक मूवमेंट पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय उम्मीदवार किस-किस प्रकार की वीडियो फोटो साझा कर रहे हैं इस पर निर्वाचन आयोग नजर रख रहा है। इसके लिए आयोग ने सेंटर बनाया है। इसमें शामिल सदस्य प्रत्याशियों की फेसबुक और एक्स पर नजर रख रही है। यह जानने की कोशिश कर रही है कि उनके पोस्ट से तनाव या विवाद की स्थिति तो निर्मित नहीं हो रही है।
0 चार सीटों में 51 उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत
जिले में विधानसभा सीटों पर 51 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। कोरबा, कटघोरा, रामपुर और पाली-तानाखार में चुनावी घमासान मचा हुआ है। राजनीतिक दलों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी भी हैं, जो बड़ी पार्टियों के प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि निर्दलीय प्रत्याशी जितना वोट पाएंगे उससे कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को उतना ही नुकसान होगा। जीत-हार में निर्दलीय प्रत्याशी निर्णायक बन सकते हैं।