December 24, 2024

एसईसीएल ने नहीं किया हैवी ब्लास्टिंग कम, ग्रामीणों में रोष

0 15 दिवस बीत जाने के बाद भी प्रबंधन ने नहीं की पहल
कोरबा।
एसईसीएल की मेगा परियोजना गेवरा में हैवी ब्लास्टिंग जारी है। बीते दिनों स्कूल के छत का प्लास्टर भरभरा कर गिर गया था। इसकी जानकारी स्कूल के प्राचार्य जीपी जाटवार गेवरा खदान के हैवी ब्लास्टिंग से बच्चों को खतरा होने की जानकारी एसईसीएल प्रबंधन व अपने उच्च अधिकारियों को दे चुके हैं। एसईसीएल गेवरा प्रबंधन के अधिकारी जीएम माइनिंग, सीएसआर नोडल अधिकारी, सिविल अधिकारी ने बीते 7 नवंबर को स्कूल पहुंचकर मुआयना किया था। स्कूल प्रबंध समिति, गांव के गणमान्य नागरिक व विद्यालय स्टाफ के साथ बैठक कर स्कूल के पीछे खनन के काम को बंद कर हैवी ब्लास्टिंग को कम करने का आश्वासन दिया था। खदान के डस्ट से पूरा स्कूल पट जाता है। स्कूल का बोर खदान के हेवी ब्लास्टिंग से धंस गया है, इससे बच्चों को भारी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है। उनके लिए नए बोर व एक पंप रूम की व्यवस्था करने की बात कही थी, लेकिन 15 दिवस बीत जाने के बाद भी एसईसीएल प्रबंधन ने कोई पहल नहीं की है। एसईसीएल की मनमानी से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
ग्रामीणों का कहना है कि एसईसीएल प्रबंधन को तो अपने कोयला उत्पादन से मतलब है, छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों को होने वाली समस्या से कोई लेना-देना नहीं है। दोपहर लगभग 2 बजे ब्लास्टिंग हो ही रही है, इसके बाद शाम को 4 बजे के लगभग एक के बाद एक 4 से 5 बार भारी हैवी ब्लास्टिंग हो रही है। इससे भिलाई बाजार चौक के लोगों में दहशत व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि खदान में हैवी ब्लास्टिंग होती रही तो कभी भी स्कूल की बिल्डिंग गिर सकती है। वहीं भिलाई बाजार स्वास्थ्य केंद्र में सैकड़ों गांवों के लोग उपचार कराने पहुंचते हैं। भिलाई बाजार 10 बिस्तर वाला अस्पताल है। यहां प्रतिदिन चौबीसों घंटे मरीज रहते हैं। ब्लास्टिंग के बाद उड़ती धूल, खदान में चल रही मशीनों के धूल से पूरा हॉस्पिटल पट जाता है। एसईसीएल गेवरा प्रबंधन ने इस स्वास्थ्य केंद्र की तो कभी सुध ही नहीं लिया। हॉस्पिटल परिसर में पानी की भारी भरकम समस्या बनी हुई है, भर्ती मरीजों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। खदान के ब्लास्टिंग के कारण अस्पताल का जल स्तर भी गिर रहा है। सरपंच चंद्रभान सिंह मरकाम का कहना है कि एसईसीएल गेवरा खदान में हो रही हैवी ब्लास्टिंग को कम करने हमने कई बार सीजीएम को पत्र लिखा है, लेकिन खदान का ब्लास्टिंग कम होने का नाम नहीं ले रहा। पहले सिर्फ दोपहर को बालस्टिंग हो रहा था, लेकिन अब शाम को भी ब्लास्टिंग होने लगा है।

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