November 23, 2024

कोरबा में जयसिंह हारे, कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम भी नहीं बचा पाए कुर्सी

0 रामपुर में सिटिंग एमएलए ननकीराम कंवर नहीं बचा पाए सीट
0 पाली-तानाखार में अंतिम समय में गोंगपा ने मारी बाजी

कोरबा।
कोरबा जिले की चारों सीट पर इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। हाई प्रोफाइल कोरबा सीट पर मौजूदा विधायक और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के लखनलाल देवांगन ने उन्हें 25 हजार से अधिक मतों से पराजित किया। इसके साथ ही देवांगन ने पिछले तीन विधानसभा चुनाव से कांग्रेस के चले आ रहे विजय रथ को रोक दिया है।

कटघोरा के मौजूदा कांग्रेसी विधायक पुरुषोत्तम कंवर को भी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के नए चेहरे प्रेमचंद पटेल ने पुरुषोत्तम को 16 हजार से अधिक मतों से पराजित किया। पाली-तानाखार सीट पर कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला होता रहा। 12वें राउंड तक गोंडवाना की बढ़त रही। 13वें राउंड से कांग्रेस प्रत्याशी ने बढ़त बनाना शुरू किया। अंतिम राउंड में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कांग्रेस को लगभग 114 मतों से पराजित कर विजय हासिल की। उधर रामपुर सीट पर कांग्रेस के फूलसिंह राठिया ने मौजूदा विधायक ननकीराम कंवर को 22859 वोट से हराकर चुनाव जीता।

रविवार को आईटी कॉलेज झगरहा में चारों विधानसभा रामपुर, कोरबा, कटघोरा और पाली-तानाखार के वोटों की गिनती तय समय पर शुरू हुई। सुबह 8 बजे सबसे पहले डाक और सेवा मतपत्रों की गिनती की गई। सभी विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम वोटों की गिनती के लिए 14-14 टेबल लगाए गए थे। सबसे अधिक पाली-तानाखार में 300 मतदान केंद्र हैं। इसी वजह से 22 राउंड में ही गिनती पूरी हुई। सबसे अधिक रामपुर में 284 मतदान केंद्र होने से 21 राउंड में गिनती पूरी की गई। कोरबा में 243 मतदान केंद्र होने से 18 और कटघोरा का 253 मतदान केंद्र होने पर 19 राउंड में गिनती पूरी हुई।

मतगणना स्थल पर प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी रही। चरण दर चारण रुझान पर उन्होंने निगाह बनाए रखी। दूसरी ओर मतगणना स्थल के बाहर समर्थकों की भीड़ जुटी रही। बाहर मेला सा माहौल रहा। सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिले। बिना प्राधिकार पत्र के किसी को भीतर जाने की अनुमति नहीं रही। तीन लेयर में सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी। सीसीटीवी कैमरे से भी हर मूवमेंट की निगरानी की जाती रही। प्रथम चरण में जिला पुलिस बल तैनात रहा। दूसरे चरण में सशस्त्र सुरक्षा बल रहे, जिन्होंने प्रतिबंधित वस्तुओं की जांच की। तीसरे चरण में मतगणना कक्ष के बाहर केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात रहे। जिन्होंने जांच के बाद ही अंदर प्रवेश दिया। बिना प्रवेश पत्र के अंदर जाने से रोक दिया गया।

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