November 7, 2024

सेंट्रल सेक्टर पर बढ़ती जा रही निर्भरता

कोरबा। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की बिजली के लिए सेंट्रल सेक्टर पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है। दरअसल उत्पादन कंपनी के संयंत्र फुल लोड पर नहीं चल पा रहे हैं। संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 2840 मेगावाट है, लेकिन संयंत्र पिछले कुछ महीने में दो हजार, 22 सौ मेगावाट से अधिक का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। जबकि इन तीन महीनों में बिजली की अधिकतम डिमांड 45 सौ मेगावाट के करीब रही है।

बिजली की डिमांड कम हो या अधिक, उत्पादन दो हजार मेगावाट के बीच ही रही है। यही वजह है कि डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को डिमांड की पूर्ति करने के लिए एनटीपीसी पर ज्यादा से ज्यादा निर्भर रहना पड़ रहा है। एनटीपीसी की महंगी बिजली का लोड अब उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। वितरण कंपनी के कुल खर्चे का लगभग 85 प्रतिशत खर्चा पावर परचेस में व्यय होता है, जो कि ईंधन के रूप में क्रय मूल्य में कमी अथवा बढ़ोत्तरी के कारण घटता-बढ़ता रहता है। वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व राज्य नियामक आयोग द्वारा विद्युत दर का निर्धारण कर दिया जाता है और ईंधन की दर में बढ़ोत्तरी होने की स्थिति में विद्युत वितरण कंपनी पर पड़ने वाली अतिरिक्त वित्तीय भार को एक निश्चित फार्मूले के अनुरूप व्हीसीए चार्ज के रूप में समायोजित किया जाता है।

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