November 23, 2024

राजस्व मंत्री को हराकर कोरबा में कमल खिलाने का लखन को मिला तोहफा, बने मंत्री

0 तय किया पार्षद से मंत्री तक का सफर
कोरबा।
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण शुक्रवार को हुआ। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्रिमंडल में शामिल होने नये चेहरों में एक नाम लखनलाल देवांगन का भी शामिल है, जिन्होंने पार्षद से अपनी राजनीति की शुरुआत की और आज कांग्रेस सरकार के राजस्व मंत्री को रिकॉर्ड मतो से हराकर मंत्री पद की शपथ ली। लखनलाल देवांगन ने इस बार कांग्रेस के गढ़ में न केवल कमल खिलाने में कामयाबी हासिल की, बल्कि तीन बार के विधायक और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को रिकॉर्ड मतों से हराकर कांग्रेस का भ्रम तोड़ने में भी बड़ी कामयाबी हासिल की है। यही वजह है कि लखनलाल देवांगन का नाम सीएम साय के कैबिनेट में शामिल किया गया है।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम की शपथ के बाद पूरे प्रदेश की नजर विष्णुदेव साय के कैबिनेट पर टिकी हुई थी। काफी इंतजार के बाद आज वो दिन आ ही गया, जब सीएम साय मंत्रिमंडल का विस्तार कर 9 मंत्री बनाए गए। सीधे और सरल व्यक्तित्व के धनी लखनलाल देवांगन के राजनीतिक सफर पर गौर करें, तो अविभाजित मध्यप्रदेश के वक्त से ही बीजेपी में संगठन से जुड़े। साल 1999 में लखनलाल देवांगन ने बीजेपी से पार्षद का चुनाव लड़ा। बेहतर कार्य शैली और लोगों के बीच अच्छी पैठ को देखते हुए पार्टी ने लखनलाल देवागंगन को साल 2004 में महापौर का प्रत्याशी बनाया। इस बार भी लखनलाल देवांगन ने पार्टी के भरोसे को कायम रखा और जीत हासिल नगर निगम कोरबा के महापौर बने। 5 साल तक नगर निगम क्षेत्रों में किये विकास कार्य और जनता के बीच सीधी पैठ रखने वाले लखनलाल देवांगन पर पार्टी ने साल 2013 में एक बार फिर भरोसा जताते हुए विधायक का प्रत्याशी बनाया। उस वक्त लखनलाल देवांगन को कोरबा विधानसभा से टिकट मिलने की पूरी आस थी, लेकिन नगर निगम के मौजूदा महापौर जोगेश लांबा को पार्टी ने कोरबा विधानसभा और लखन देवांगन को कटघोरा विधानसभा से प्रत्याशी बनाया। कटघोरा विधानसभा का क्षेत्र नया होने के साथ ही वहां से कांग्रेस के 6 बार के विधायक बोधराम कंवर को हराना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन लखनलाल देवांगन ने पार्टी के इस फैसले को भी स्वीकार किया और जमीनी स्तर पर मेहनत शुरू की। लिहाजा छत्तीसगढ़ के गांधी कहे जाने वाले 6 बार के कांग्रेस विधायक बोधराम कंवर को लखन देवांगन ने 11 हजार 511 मतों से हराकर पार्टी संगठन में अपना विश्वास मजबूत बना लिया। यही वजह है कि रमन सिंह के मंत्रिमंडल में लखन देवांगन को संसदीय सचिव बनाकर उन्हें मजबूत स्थान दिया गया। साल 2018 में पार्टी ने एक बार फिर लखनलाल देवांगन को कटघोरा से अपना कैंडिडेट बनाया, लेकिन इस बार बीजेपी के खिलाफ चले एंटी इनकम्बेंसी में देवांगन को हार का सामना करना पड़ा। 5 साल तक सत्ता का वनवास काटने के बाद भाजपा ने रणनीति और जाति समीकरण के आधार पर टिकटों का वितरण किया गया। भाजपा ने इस बार थोड़ा बदलाव करते हुए कोरबा विधानसभा से राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के खिलाफ लखनलाल देवांगन को अपना प्रत्याशी बनाया। भाजपा की पहली सूची में लखनलाल देवांगन का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस को इस सीट से एक बार फिर जीत की पूरी उम्मीद थी, लेकिन लखनलाल देवांगन ने एक बार फिर न केवल पार्टी का भरोसा जीता, बल्कि कांग्रेस के गढ़ में कमल खिलाते हुए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को रिकॉर्ड 25 हजार 629 मतों से हराकर कांग्रेस के भ्रम को तोड़ दिया। लखनलाल देवांगन के राजनीतिक सफर को देखा जाये तो शुरू से लेकर अब तक पार्टी ने उन्हें बड़ी चुनौतियों के सामने ही मैदान में उतारा। परिणामत: लखनलाल देवांगन ने सारी बड़ी चुनौतियों को धराशायी कर अपनी एक मजबूत छवि तैयार की है, जिसका परिणाम है कि विष्णुदेव साय कैबिनेट में लखनलाल देवांगन का नाम शामिल है और आज वो मंत्री बन गए हैं।
0 कोरबा को मंत्री के बदले मंत्री
गत चुनाव में कांग्रेस की रिकॉर्ड तोड़ जीत के बाद कोरबा से विधायक जयसिंह अग्रवाल को कैबिनेट में जगह मिली थी। उन्हें राजस्व मंत्री बनाया गया था। मौजूदा चुनाव में लखनलाल देवांगन ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को रिकॉर्ड मतों से हराया। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि कोरबा को मंत्री के बदले मंत्री जरूर मिलेगा। लोगों की उम्मीद पूरी हुई और कोरबा को मंत्री के मंत्री मिल गया है।
0 पार्षद से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
लखनलाल देवांगन सहज और सरल स्वभाव के जमीनी नेता हैं। उन्होंने कोरबा में कपड़े की दुकान चलाकर नगर निगम में 1999 में पार्षद का चुनाव लड़ा, जिसके बाद भाजपा की राजनीति में सक्रिय हो गए। इस दौरान संगठन में वे कई पदों पर रहे, फिर साल 2004 में कोरबा नगर निगम के मेयर बने। इसके बाद उन्हें 2013 में कटघोरा विधानसभा सीट से टिकट दिया गया और चुनाव जीत गए।
0 लखनलाल क्यों बनाए गए मंत्री?
लखनलाल देवांगन ओबीसी वर्ग (देवांगन जाति) के नेता है। कोरबा जिले में उनकी काफी संख्या है। कोरबा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उनकी चुनावी सभा ली थी। 15 साल बाद कोरबा में कमल खिलाने का इनाम उन्हें मंत्री पद के रूप में मिला है। माना जा रहा है कि कोरबा से मंत्री बनाने का फायदा लोकसभा चुनाव में मिलेगा। इस समीकरण को ध्यान में रखते हुए उन्हें मौका दिया गया है।

Spread the word