जल जीवन मिशन के 300 करोड़ के 170 कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल
0 एक सब इंजीनियर के भरोसे 3 ब्लॉक
कोरबा। हर घर नल, हर घर जल के नारों के साथ मार्च 2024 तक हर घरों को शुद्ध पानी पहुंचाने की पीएम मोदी की मंशा छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में अमले की कमी एवं अदूरदर्शितापूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था से खतरे में पड़ गई है। 12 सब इंजीनियर के सेटअप वाले जिले में 3 सब इंजीनियर की पदस्थापना एवं एक सब इंजीनियर को 3 ब्लॉक के 300 करोड़ के 170 कार्यों का प्रभार दिए जाने से कार्यों की गुणवत्ता एवं गति हाशिए पर चली गई है।
हर घर नल, हर घर जल के नारों के साथ पीएम मोदी की मंशानुरूप ग्रामीणों को उनके घरों तक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जलापूर्ति करने जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई है, ताकि माताओं बहनों को पेयजल के लिए मजबूरन हैंडपंप, तालाब, कुआं, नहर व अन्य जल स्रोतों तक जाने मशक्कत न करनी पड़े। सुरक्षित व गौरवपूर्ण जीवन जी सकें। पीएम मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना में तमाम दिक्कतों के कारण इसकी मियाद बढ़ती रही। अब छत्तीसगढ़ को जल जीवन मिशन की योजना मार्च 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन शुरुआती दौर से ही अनियमितता की भेंट चढ़ चुकी जल जीवन मिशन की योजना छत्तीसगढ़ में अमले की कमी के चलते भी सिसक रही है।
क्रियान्वयन एजेंसी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) जल जीवन मिशन अमले की कमी से जूझ रहा। पीएचई में उप अभियंता (सब इंजीनियर) के 12 पद स्वीकृत हैं, लेकिन उप अभियंताओं को अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) के पद पर पदोन्नत कर अन्यत्र जिलों में पदस्थ करने एवं रिक्त पदों की पूर्ति नहीं करने से विभाग के पास महज 3 सब इंजीनियर ही रह गए हैं। इनमें एक करतला सब इंजीनियर के साथ सेंट्रल स्टोर का अतिरिक्त कार्यदायित्व देख रहे। दूसरे पाली सब इंजीनियर के तौर पर पदस्थ हैं। वहीं बात करें सब इंजीनियर की तो हैं तो ये डिवीजन में पदस्थ हैं पर इन्हें विभाग ने कोरबा, कटघोरा एवं पोड़ी-उपरोड़ा सब इंजीनियर का पिछले 4 माह से प्रभार दे रखा है। विभाग में 3 सब इंजीनियर रहते हुए एक सब इंजीनियर को कोरबा डिवीजन सहित 3 ब्लॉक का कार्य लेना या यूं कहें जिम्मेदारी देना समझ से परे है। इसका असर कार्यों की गति गुणवत्ता पर पड़ रहा है। मामले में विभाग के कार्यपालन अभियंता अनिल कुमार बच्चन से प्रकरण में उनका पक्ष जानने उनके मोबाइल पर सम्पर्क किया गया। संपर्क नहीं हो पाने के कारण फिलहाल उनका पक्ष नहीं आ सका है।
0 3 सब इंजीनियर एसडीओ के पद पर पदोन्नत, अन्य जिलों में पदस्थ इसलिए बिगड़ी व्यवस्था
विभाग में करीब 6 माह पहले 6 सब इंजीनियर थे। इनमें से 3 सब इंजीनियर एसडीओ के पद पर पदोन्नत होकर अन्यत्र जिलों में पदस्थ कर दिए गए। इनमें कोरबा के सब इंजीनियर रहे जी.एस. कंवर बलरामपुर जिले में रामानुजगंज एसडीओ के पद पर पदस्थ किए गए हैं। कटघोरा में पदस्थ रहे सब इंजीनियर एस.एन. राम पंडरिया एसडीओ के पद पर पदस्थ हो गए। वहीं पोड़ी-उपरोड़ा के सब इंजीनियर रहे डी.आर. बंजारे बेमेतरा जिले के साजा जिले में एसडीओ के पद पर पदस्थ किए गए हैं। इन तीनों ही सब इंजीनियरों के रिक्त पद का प्रभार सब इंजीनियर अभिषेक विश्वकर्मा को दिया गया है। विभाग को अन्य 2 सब इंजीनियरों में ऐसी कोई काबिलियत नहीं दिखी कि कार्यभार के आधार पर कार्य विभाजन कर प्रभार दिया जा सके।