देख-रेख में लापरवाही से थीम बेस प्रोजेक्ट गार्डन हुआ बेजार
0 खनिज न्यास मद से हुआ है निर्माण
कोरबा। डीएमएफ से बने कोरबा-दर्री फोरलेन सड़क के साथ ही निर्माण एजेंसी नगर निगम ने कोहड़िया के पास थीम बेस प्रोजेक्ट पर गार्डन का निर्माण कराया था। गार्डन में स्वच्छता ग्रीनरी, क्लीनलेस, मोर-कोरबा का लाइटिंग डिस्प्ले बोर्ड, हिरण समेत अन्य वन्य प्राणियों की जीवंत मूर्तियां, रंग-बिरंगे फूलों के पौधे, मदार पारिजात के पेड़ लगाए थे। गार्डन में आर्कषक लाइट भी लगाई गई थी। बच्चों के खेलकूद के लिए चिल्ड्रन जोन समेत पाथवे, गार्डनिंग, ड्रिंकिंग वाटर आदि व्यवस्थाओं के साथ गार्डन को ऑक्सीजोन के रूप में विकसित किया था। फोरलेन के किनारे तिरंगा लाइटिंग होने से शाम होने के बाद राहगीरों का ध्यान बरबस ही आकर्षित होता था। दर्री की ओर से शहर में प्रवेश करते ही खूबसूरत एहसास होता था। ज्यादातर लोग एक बार गार्डन में रुककर ही आगे जाते थे।
2 साल पहले पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने गार्डन का लोकार्पण कर जनता को समर्पित किया था, लेकिन देख-रेख में लापरवाही के कारण अब गार्डन उजाड़ जैसा हो गया है। आकर्षण के लिए लगाए गए सभी लाइट, बोर्ड पार हो चुके हैं। मूर्तियां टूट गई है। अब गार्डन से बच्चे व परिवार दूर हो गए हैं। दूसरी ओर यह प्रेमी जोड़े का अड्डा बन गया है। फोरलेन किनारे बने गार्डन अब ऐसा दिखाई दे रहा है। गार्डन के रखरखाव में लापरवाही से बदहाली नगर निगम द्वारा सौंदर्यीकरण के नाम से गार्डन तो बना दिया जाता है, लेकिन बाद में रखरखाव में लापरवाही बरती जाती है। पूर्व में दर्री डैम के नीचे भवानी मंदिर के पास करोड़ों रुपये खर्च कर चिल्ड्रन पार्क बनाया था। मरम्मत पर ध्यान नहीं देने पर वह धीरे-धीरे उजाड़ हो गया। अब वहां चिल्ड्रन नहीं, बल्कि असामाजिक तत्वों का डेरा रहता है। फोरलेन किनारे थीम बेस प्रोजेक्ट पर बने गार्डन के रखरखाव में लापरवाही जारी रही तो आगे उसका हाल भी चिल्ड्रन पार्क जैसा हो जाएगा।