October 4, 2024

जीआईएस सर्वे के बाद काम रुका, डिजिटल नंबर नहीं हुए जारी

0 सितंबर से शुरू होना था काम, चुनाव से पहले लगी रोक
कोरबा।
जीआईएस सर्वे के बाद काम रुक जाने से दीपका-कटघोरा के मकानों को अब तक डिजिटल नंबर नहीं मिल सका है। सितंबर से काम शुरू होना था, चुनाव के ठीक पहले काम पर मुख्यालय से रोक लगा दी गई थी।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेश के दो नगर निगम धमतरी और बीरगांव के साथ-साथ सभी 44 नगर पालिका परिषद् क्षेत्र में सर्वे के लिए आदेश दिया था। इसके लिए दिल्ली की मेसर्स सीई इंफो सिस्टम लिमिटेड के साथ अनुबंध किया गया था। हालांकि 2023 जनवरी में काम शुरू होना था, लेकिन बगैर जीआईएस सर्वे के डिजिटल नंबर देना मुश्किल था, इसलिए पहले जीआईएस सर्वे कराया गया। सर्वे के बाद मकानों व दुकानों को डिजिटल नंबर दिया जाना था। हर संपत्ति को एक डिजिटल डोर नंबर दिया जाना था। कंपनी द्वारा इस डिजिटल नंबर को हर घर के बाहर लगाने का भी काम करना था। यह पूरी तरह से नि:शुल्क था। आम लोगों को किसी तरह के शुल्क नहीं देने थे। जिले का दूसरा बड़ा निकाय है। कुल 21 वार्ड शामिल हैं। इसमें से 10 वार्ड नगर पालिका और 11 वार्ड एसईसीएल के कॉलोनी क्षेत्र के हैं। नगर का मुख्य मार्केट दीपका चौक, सुभाष नगर, गौरव पथ व पाली मार्ग है। नेशनल हाईवे पर बसे इस नगर में कुल 15 वार्ड हैं, 2011 के जनगणना के आधार पर यहां की जनसंख्या 23 हजार के करीब है। करीब पांच हजार मकान इस नगर में है। कई वार्ड अब भी निकाय क्षेत्र में है, लेकिन स्थिति गांव की तरह ही है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से पालिका परिषद कर की वसूली करती है।
0 क्यूआर कोड से मिलेगी घर बैठे कई सुविधाएं
रायपुर शहर की तर्ज पर डिजिटल डोर नंबर के साथ हर मकान को एक क्यूआर कोड दिया जाना है। इस कोड को स्कैन करते ही मोबाइल में सारी जानकारियां आ जाएंगी। लोग घर बैठे ही अपना प्रॉपर्टी टैक्स या फिर पानी, बिजली व सफाई की शिकायत दर्ज करा सकेंगे। दोनों ही निकाय राजस्व वसूली के मामले में बेहद पीछे हैं। दरअसल इन निकायों के पास कर्मचारियों की कमी है, इसलिए वार्ड स्तर पर लंबे समय से नए संपत्तियों का सर्वे नहीं हो सका है। यही वजह है कि निकायों को यह भी नहीं पता कि कितने मकान या दुकान वार्ड में हैं। लोग लंबे समय से निकायों को पैसा जमा नहीं कर रहे।

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