December 24, 2024

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 16 फरवरी से करेगी आमरण अनशन

कोरबा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, बलगी की बैठक कुसमुंडा (एटक) कार्यालय में हुई। अध्यक्षता एलपी अघरिया ने की। भाकपा के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने कहा कि कोरोना काल के बाद से लगातार कोरबा एवं राज्य स्तरीय मुद्दों को पार्टी प्रमुखता से उठा रही है, लेकिन शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रही है।
वर्मा ने कहा कि आज आम जनता के मुद्दे जैसे कोरबा को प्रदूषण मुक्त करना, कोरबा के सभी तालाबों की साफ सफाई एवं पानी भराव की व्यवस्था, भू-विस्थापितों को नौकरी मुआवजा पुनर्वास, सभी वार्डों में पीने का पानी की व्यवस्था, सड़क, बिजली, नाली, साफ सफाई, बालको कंपनी में महिला-पुरुषों की उपेक्षा, रोड डामरीकरण एवं रोड निर्माण में गुणवत्ता की जांच, किसानों की जमीन का अधिग्रहण का मुआवजा, रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज का निर्माण, नगर निगम सफाई कर्मी, कचरा उठाने वाले न्यूनतम मजदूरी एवं सामाजिक सुरक्षा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका आशा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना, छत्तीसगढ़ राज्य के उद्योगों में आउटसोर्स बंद करना एवं उसमें लगे कर्मचारियों को नियमित करना, ईएसआईसी हॉस्पिटल को सर्वसुविधायुक्त करना, निराश्रित एवं वृद्धा पेंशन 3000 करना एवं समय से देना सुनिश्चित करना, छत्तीसगढ़ राज्य में न्यूनतम मजदूरी 26000 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर यह चर्चा हुआ कि 16 फरवरी को पूरे देश में किसान मजदूर आम आदमी हड़ताल पर जा रहा है। उसी दिन कामरेड नवरंग लाल की पुण्यतिथि है। पार्टी के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा एवं उनके साथियों द्वारा 16 फरवरी से आमरण अनशन किया जाएगा। उनका कहना है कि आज भारत के लोगों को रामराज के सपने दिखाए जा रहे हैं। आजादी के 75 साल बाद भी भारत के अधिकांश किसानों को आज भी फसलों का वाजिब दाम नहीं मिलता है। भारत के 85 फीसदी मजदूरों को न्यूनतम वेतन नहीं मिलता है। उनसे यूनियन बनाने का अधिकार लगभग छीन लिया गया है। अस्थाई नौकरियों को खत्म करके उनका ठेका कारण किया जा रहा है। उनसे पेंशन छीन ली गई है। जिस कारण वे शोषण और अभाव के सबसे बड़े शिकार बन गए हैं। आंदोलन करने पर भी सरकार कोई सुनवाई या कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। भारत में इस वक्त लगभग 10 करोड़ मुकदमें न्यायालयों में लंबित हैं, मुकदमों के अनुपात में न तो जज हैं, न स्टेनो हैं, न कर्मचारी हैं और न ही अदालतें हैं। बच्चों की शिक्षा का स्तर लगातार तेज गति से गिरता जा रहा है। गरीबों के बच्चे ठीक से लिख और पढ़ पाते भी नहीं है। बैठक में सहायक जिला सचिव कामरेड रेवत प्रसाद मिश्रा, सिदाय दास, केपी डडसेना, मुकेश कुमार साहू, एसएन राव, हरनारायण केशरवानी, कृपाल राम, दुधनाथ व अन्य उपस्थित रहे।

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