छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में लगी आग, कांच तोड़कर अग्निशमन यंत्र की मदद से पाया गया काबू
कोरबा। बिलासपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म-2 पर खड़ी छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की रैक एम-1 एसी कोच में तड़के आग लग गई। कांच तोड़कर अग्निशमन यंत्र की मदद से आग बुझाई गई। हालांकि कोच में रखे बेड रोल जल गए। वहीं दो केबिन की 16 सीटें भी आगजनी में प्रभावित हुई हैं। आग पर काबू पाने के बाद कोच को काटकर रैक से अलग किया गया। सुबह 7.30 बजे यह ट्रेन बिलासपुर-कोरबा पैसेंजर बनकर रवाना होती।
फिलहाल आगजनी का कारण स्पष्ट नहीं है। शॉर्ट सर्किट से आगजनी का अंदेशा है। इसमें कैरिज डिपार्टमेंट की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कोच का दरवाजा खुला था। स्टेशन के कैमरे में कुछ लोग चढ़ते-उतरते नजर आ रहे हैं, जबकि कोच का कैमरा बंद था। जिस डिब्बे में आग लगी थी, उसे काटकर अलग किया गया था। बाद में अमृतसर के लिए रवाना होने से पहले दूसरा डिब्बा जोड़ा गया। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को देर रात कोचिंग डिपो से सफाई के बाद प्लेटफॉर्म-2 पर खड़ा किया गया था। सुबह 7.30 बजे यह ट्रेन बिलासपुर-कोरबा पैसेंजर बनकर रवाना होती। इससे पहले सुबह 5.50 बजे के लगभग स्टाल के वेंडरों ने एम-1 इकॉनामी एसी कोच से धुआं उठते देखा और स्टेशन मास्टर को सूचना दी। इस बीच बर्थ नंबर 40-48 के बीच आग की लपटें दिखाई देने लगी। स्टेशन मास्टर ने फायर एक्सटिंग्विशर मंगवाया और बाहर से कोच की खिड़की का कांच तोड़कर आग बुझाया। इसके बाद भीतर जाकर भी आग बुझाई गई, जिससे दूसरे बर्थ या रैक की ओर आग न फैले। आग पर काबू पाने के बाद डिब्बे को काटकर अलग किया गया और इंजन लगाकर उसे यार्ड में आरआरआई केबिन के पास लाकर खड़ा किया गया। शेष डिब्बों को वापस लाकर आधे रैक के साथ जोड़ा गया। जिस डिब्बे में आग लगी थी वह रैक के बीचों बीच इंजन से 10वें नंबर का है। डिब्बे में बर्थ पर रखे बेड रोल भी जल गए। जिस कोच में आग लगी थी उसे कोचिंग डिपो के आखिरी हिस्से में लाकर रखा गया था। दोपहर बाद फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ डीएमई रंगाराव, कोचिंग डिपो के अन्य अफसर, आरपीएफ पोस्ट प्रभारी भास्कर सोनी, सीआईबी प्रभारी कर्मपाल सिंह गुर्जर सहित अन्य लोग कोच का निरीक्षण करने पहुंचे। जांच में प्रथम दृष्टया कोच के चार्जिंग पॉइंट पर शार्ट सर्किट होना पाया गया।