अधिवक्ताओं ने पाली थाना के एएसआई पर लगाया अभद्रता का आरोप
0 एसपी से शिकायत, 10 दिवस में कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
कोरबा (पाली)। थाना पाली में पदस्थ एएसआई ओम प्रकाश परिहार पर अधिवक्ताओं से अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए एएसआई को अन्यत्र स्थानांतरण करने की मांग कोरबा पुलिस अधीक्षक से की गई है। साथ ही 10 दिवस के भीतर उचित कार्रवाई या स्थानांतरण नहीं होने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
अधिवक्ता संघ पाली ने अपने आवेदन में उल्लेखित करते हुए लिखा है कि अधिवक्ता संघ पाली का सदस्य अरविंद देवांगन अपने मोटरसाइकिल चोरी हो जाने की सूचना दर्ज कराने थाना पहुंचा था। अधिवक्ता अरविंद के साथ अधिवक्ता संघ सचिव उपवन खैरवार भी साथ में उपस्थित था, तभी पाली थाना में पदस्थ ओम प्रकाश परिहार ने अधिवक्ताओं के थाने में प्रवेश को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि थाने में प्रवेश करना है तो कोर्ट का परमिशन लेकर आएं तब थाने में प्रवेश करें। एएसआई के उक्त बात का संघ के सचिव ने विरोध किया और की वे कोर्ट के काम से नहीं बल्कि वाहन चोरी हो जाने की सूचना देने आए हैं।
उक्त बात से नाराज एएसआई ओम प्रकाश परिहार अधिवक्ताओं से तू तड़ाक से बात करने लगे और कानून तुम मुझे मत सिखाओ की नसीहत दे डाली, जिसके बाद संघ के सचिव उपवन खैरवार ने उक्ताशय की जानकारी सीनियर वकील अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष नवीन सिंह को दी। इसके बाद अधिवक्ता संघ की पूर्व अध्यक्षा रीमा वर्मा, संघ के सह सचिव दिलीप शर्मा थाना पहुंचे और रिपोर्ट लिखाने कोर्ट की परमिशन और अधिवक्ताओं से अभद्र व्यवहार के संबध में जानना चाहा, जिससे एएसआई ओम प्रकाश परिहार अधिवक्ताओं पर भड़क गए और सभी से तू और रे जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए अधिवक्ताओं के विरुद्ध प्रथम सूचना दर्ज करने की धमकी दे डाली। अधिवक्ता संघ पाली ने अपने आवेदन में उल्लेख करते हुए इस घटना से अधिवक्ताओं के मान सम्मान को ठेस पहुंचने की बात कहते हुए एएसआई ओम प्रकाश परिहार को अन्य स्थान पर स्थानांतरण करने की मांग पुलिस अधीक्षक से की है, ताकि आपसी सामंजस्य बना रहे।
सूत्रों की माने तो पूर्व में एक व्यापारी सहित जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों से भी इस तरह का वाक्या हो चुका है, जिसको लेकर भी व्यापारियों, पत्रकारों और जनप्रतिनिधियों को रोष है। एएसआई ओम प्रकाश परिहार की शिकायत का मन बना रहे हैं। खैर मामले की शिकायत कोरबा पुलिस अधीक्षक से की गई है। अब देखने वाली बात है कि उच्चाधिकारी मामले की जांच कर एएसआई पर क्या कार्रवाई करते हैं।