बोर्ड की कॉपियां जांचने में लापरवाही पड़ेगी भारी
0 पारदर्शिता लाने तीन कैटेगरी में कार्रवाई का पैमाना तय
कोरबा। दसवीं-बारहवीं बोर्ड की कॉपियां जांचने में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर अब तीन कैटेगरी में कार्रवाई की जाएगी। शिक्षक अब हमेशा के लिए मूल्यांकन कार्य से बाहर नहीं होंगे। पहली कैटेगरी में जिन शिक्षकों की कॉपियों में री वैल के बाद 20 से 40 नंबर तक का अंतर आता है, उन पर तीन साल तक बैन लगेगा। वे इस दौरान माशिमं के सभी कार्य से वंचित रहेंगे। यह प्रावधान पहले भी था। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इसी तरह दूसरी कैटेगरी में जिन शिक्षकों की कापियों में री वैल के बाद 41 से 49 नंबर का अंतर रहेगा, वे पांच साल तक बोर्ड की कॉपियां नहीं जांच पाएंगे। पहले ऐसे शिक्षकों को तीन साल के लिए बैन किया गया था। तीसरी कैटेगरी में जिन शिक्षकों की कॉपियों में 50 नंबर से अधिक का अंतर आएगा उन पर पांच साल का बैन लगेगा। इसके अलावा एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने की अनुशंसा भी शासन से की जाएगी। पिछली बार तक इस कैटेगरी में आने वाले मूल्यांकनकर्ताओं पर आजीवन बैन लगाया गया था, जिसे हटा दिया गया है।
छग माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारी संगीता गंगोत्री ने बताया कि छग माशिमं ओर से शिक्षकों की चेतावनी दी गई है कॉपी जांचते समय इस तरह की लापरवाही न करें। जानकारों का कहना है कि मूल्यांकन कार्य में गंभीर लापरवाही बरतने वाले पुराने शिक्षकों को पांच साल बाद फिर से कॉपियां जांचने का अवसर मिल सकेगा। छग माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से हर साल मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वालों की लिस्ट तैयार की जाती है। इसमें 100 से अधिक शिक्षकों के नाम रहते हैं। इसमें से करीब दर्जनभर आजीवन बैन की श्रेणी में रहते हैं।