क्षेत्र के कुएं, हैंडपंप व तालाब सूखे, पीने व निस्तारी के लिए ग्रामीण टैंकर के भरोसे
0 दीपका खदान प्रबंधक की घोर लापरवाही, 10 मीटर भी नहीं छोड़ा सेफ्टी जोन, आबादी के एकदम नजदीक चल रहा खदान का कार्य
-विनोद उपाध्याय
कोरबा (हरदीबाजार)। एसईसीएल दीपका कोयला खदान प्रबंधन कोयला उत्खनन में इतना मशगूल है कि उसे घनी आबादी क्षेत्र तक का ख्याल नहीं है। दीपका कोयला खदान खुली खदान है जो ग्राम अमगांव, हरदीबाजार व दर्राखांचा आमगांव के एकदम नजदीक आ चुका है। सबसे ज्यादा परेशानी मलगांव व हरदीबाजार के लोगों को हो रही है। क्षेत्र के कुएं, हैंडपंप और तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं। ग्रामीण पीने व निस्तारी के लिए टैंकरों के भरोसे हैं।
ज्ञात हो कि ग्राम मलगांव के सभी मकानों का नापी हुऐ दो वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज तक मकान मुआवजा में विसंगति होने अर्थात मकानों का मुआवजा राशि कम बनने, बसाहट का सार्थक निर्णय नहीं होने साथ ही नौकारी जैसे बुनियादी हक नहीं मिल पाया है। ऐसे में ग्रामवासी अपना मकान जमीन कैसे छोड़े। वहीं हरदीबाजार शांतिनगर, शिक्षक नगर व महाविद्यालय खदान में हो रहे रोजाना हैवी ब्लास्टिंग से समस्या काफी बढ़ गई है। मलगांव के रिहायशी इलाके से 10 मीटर की भी दूरी नहीं होगी जहां खदान में कोयला उत्खनन का कार्य चल रहा है। ऐसे में एसईसीएल दीपका प्रबंधन की सुरक्षा पखवाड़ा केवल सफेद हाथी साबित हो रहा है, जहां जनमानस की सुरक्षा का जरा भी ध्यान नहीं है। वहीं मलगांव से लगे हरदीबाजार शांतिनगर, शिक्षक नगर, कॉलेज रोड खदान के करीब होने से यहां पानी की गंभीर समस्या होने वाली है। अभी वर्तमान में मलगांव व हरदीबाजार में टैंकरों से पानी सप्लाई की जा रही है। नतीजतन खदान के नजदीक आने के साथ खदान में रोजाना हो रही हैवी ब्लास्टिंग से क्षेत्र के सभी कुंए, तालाब सूख गये हैं और बोर धंसने की घटना भी घट रही है। आने वाला गर्मी के महीनों में लोगों को पानी के गंभीर संकट से गुजरना पड़ेगा, क्योंकि टैंकर से पानी की सप्लाई सभी को नहीं मिल पाएगी।
इस दिशा में जिला प्रशासन को खदान प्रबंधन पर नकेल कसने की जरूरत है, जिससे गांव व मकानों में रह रहे लोगों की सुरक्षा व उनके मूल हक दिलाने और सामने भीषण गर्मी को देखते हुए पानी की समुचित व्यवस्था करने, इस दिशा में समय रहते गंभीरता से कदम उठाने की जरुरत है अन्यथा खदान की वजह से लोगों में धीरे-धीरे रोष व्याप्त हो रहा है,जो दीपका खदान प्रबंधन के लिए बड़ी परेशानी का सबब होगा।
हरदीबाजार शांतिनगर राजाराम राठौर की बाड़ी में स्थित कुआं जो 35-40 फीट है वह 15 फरवरी से ही पूरी तरह सुख गया है। वहीं क्षेत्र में एक भी हैंडपंप पानी नहीं उगल रहा है। इसका कारण कोयला खदान में हो रही हैवी ब्लास्टिंग है। खदान का आबादी क्षेत्र के करीब संचालित होने के कारण क्षेत्र में एक भी पानी का स्त्रोत नहीं है।