आमगांव के शिविर में ग्रामीणों की समस्या व मांग पर हुई साथर्क चर्चा
0 एसईसीएल गेवरा प्रबंधन के अधिकारियों व हरदीबाजार राजस्व विभाग के कर्मी रहे मौजूद
-विनोद उपाध्याय
कोरबा (हरदीबाजार)। लगभग 8 वर्ष पूर्व एसईसीएल गेवरा परियोजना की ओर से अधिग्रहित ग्राम आमगांव की जमीन कोयला खदान में समाहित हो गई है, किन्तु आज पर्यंत तक आमगांव के ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया। ग्रामीणों ने अपनी प्रमुख समस्या नौकरी, बसाहट, मुआवजा सहित राजस्व त्रुटि सुधार सहित अपने मूल हक को लेकर बीते दो दिन से लगातार अमगांव चौक में चक्काजाम किया था। चक्काजाम को क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद पटेल व ऊर्जाधानी भू-विस्थापित संगठन ने भी अपना समर्थन दिया था।
एसईसीएल गेवरा के अधिकारी जब गुरुवार रात चक्काजाम स्थल पर पहुंचे तो उन्हें ग्रामीणों की खासी नाराजगी झेलनी पड़ी। ग्रामीण लिखित आश्वासन के बाद चक्काजाम समाप्त करने की बात पर अड़े रहे। तब अधिकारियों ने लिखित आश्वासन देकर शुक्रवार दोपहर 12 बजे आमांगाव मोहल्ला चबूतरा में बैठक कर ग्रामीणों के द्वारा पत्र 1 से 4 तक दिए गये मांग पत्र के अनुसार बैठक में पूर्ण रूप से प्रत्येक समस्या व मांग पर चर्चा करने की बात कही। इसी कड़ी में शुक्रवार को नियत समय पर एसईसीएल गेवरा प्रबंधन की ओर से अजय बहरा (जीएम पर्सनल), हरेंद्र कुशवाहा (एरिया ऑफिसर एल एंड आर), डी.पी. कुरील, नरसिम्हा राव (मंग्गू), आलोक सिंह, लाल सिंह, विवेक राठौर, पवन कश्यप, हरदीबाजार राजस्व विभाग से पटवारी विवेक कंवर, ग्राम सरपंच ब्रिज कुंवर, सुरज कंवर, बसंत चौहान सहित बड़ी संख्या में भू-विस्थापित व ग्रामवासी उपस्थित रहे।
बैठक में बसाहट नेहरू नगर में मूलभूत सुविधाओं सड़क, बिजली, पानी खेल मैदान, गार्डन निर्माण की मांग, लगभग 10 लोगों के मुआवजा, पुनर्वास की समस्या, जोकाहीडबरी में बने मकानों के मुआवजा, लगभग 22 ग्रामीणों के पेंडिंग नौकरी प्रकरण, लगभग 6 लोगों के राजस्व त्रृटि सुधार सहित अन्य मांगों के संबंध में उपस्थित भू-विस्थापित ग्रामीणों व सरपंच के समझ सभी समस्याओं को एक माह में पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया। तब जाकर आमगांव के ग्रामीण संतुष्ट हुए।