November 21, 2024

होलिका दहन की तैयारी शुरू, दहन तक रहेगा होलाष्टक का असर

0 मांगलिक कार्य पर लगा ब्रेक
कोरबा।
होलाष्टक लगते ही मांगलिक कार्यक्रम रुक गए। वहीं चौराहों पर होलिका लगने लगी है। शहर से लेकर गांव तक लोगों ने होलिका जलाने के लिए गांव सहित शहर और उप नगर के चौक-चौराहों पर लकड़ियां एकत्रित करना शुरू कर दिया है। हिंदू पंचांग के अनुसार होली का त्योहार इस बार 25 मार्च को मनाया जाएगा। वहीं होली से ठीक आठ दिन पहले यानी 17 मार्च से होलाष्टक लग चुका है। हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक 24 मार्च रविवार को होलिका दहन के समय समाप्त हो जाएगा।
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होलाष्टक शुरू होता है जो पूर्णिमा के दिन होलिका दहन के साथ समाप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि होलाष्टक से लेकर पूर्णिमा तक हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कई यातनाएं दी थीं। आठवें दिन हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद ली थी। होलिका को यह वरदान था कि वह अग्नि में नहीं जलेगी। इसी कारण होलिका भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से प्रह्लाद को अग्नि जला नहीं सकी और होलिका इस अग्नि में जलकर भस्म हुई। यह सारी घटना उन्हीं आठ दिनों में हुई थी, जिन्हें होलाष्टक के नाम से जाना जाता है। इन आठ दिनों की अवधि को अशुभ माना जाता है इसलिए यह समय किसी भी शुभ कार्य के लिए वर्जित माना जाता है। वाहन, घर खरीदने, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, 16 संस्कार, नए व्यापार की शुरुआत और विवाह आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। होली का त्योहार मात्र एक हफ्ते दूर होने से लोगों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। सबसे पहले होलिका दहन के लिए लकड़ियां एकत्रित करना शुरू कर दिया है। शहर और गांवों में चौराहों पर होलिका लगने लगी है। वहीं गोबर से बल्ले आदि बनने भी शुरू हो गए हैं।

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