कटघोरा लिथियम खदान के कई दावेदार आए सामने, शुरू हुई नीलामी प्रक्रिया
कोरबा। घुंचापुर कटघोरा के आसपास के 250 हेक्टेयर क्षेत्र में लिथियम पाए जाने की पुष्टि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने की है। इसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बोली में ओला, वेदांता, जिंदल, श्री सीमेंट, अडाणी समूह, अल्ट्राटेक सीमेंट सहित अनेक बड़ी कंपनियां शामिल थी। अर्जेंटीना की एक कंपनी की भी बोली में भाग लेने की जानकारी मिली है।
केंद्रीय खान मंत्रालय द्वारा बुधवार को की गई नीलामी में कटघोरा लिथियम ब्लॉक के लिए रिजर्व प्राइज 2 प्रतिशत के विरुद्ध 76.05 प्रतिशत की बोली आई, जो रिजर्व प्राइज से 38 गुना अधिक है। हालांकि अभी सफल बोलीदाता का नाम सामने नहीं आया है। लिथियम के कटघोरा ब्लॉक के लिए कंपोजिट लाइसेंस दिया जा रहा है। इसमें परीक्षण व खनन दोनों का ही अधिकार शामिल है। कटघोरा के साथ ही कश्मीर के रियासी स्थित लिथियम ब्लॉक की भी नीलामी शुरू की गई, किंतु शुरुआती दौर में ही इसके लिए समुचित बोलीदार आगे नहीं आए, जिसके कारण एमएसटीसी पोर्टल पर चल रही इसकी ऑनलाइन नीलामी रोक दी गई। लिथियम की खदान शुरू होने पर कोरबा ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश में भी समृद्धि के नए द्वार खुलेंगे। कटघोरा जहां आधारभूत सुविधाओं से युक्त मैदानी इलाके में है, छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था भी अच्छी है। इसी कारण से यह निवेशकों के लिए भी आदर्श राज्य माना गया।
लिथियम खनन शुरू होने के बाद इससे जुड़ी कंपनियां काम शुरू करेंगी। इसके लिए तकनीकी एक्सपर्ट की जरूरत पड़ेगी, साथ ही संसाधनों के विकास के लिए भी लोगों की आवश्यकता होगी। इससे रोजगार मिलेगा और बाजार में भी बढ़ोतरी आएगी। प्रदेश में विकास के लिए तय राशि, रॉयल्टी व डीएमएफ के लिए भी इससे सहयोग मिलेगा, जो हजारों करोड़ रुपये में होगा। लिथियम भंडार के लिए कंपोजिट लायसेंस दिया जाएगा। ऐसे में तय कंपनी को पहले प्रॉस्पेक्टिंग की प्रक्रिया करनी होगी यानी क्षेत्र में खनन से पहले खनन कहां से शुरू की जाए इस पर सर्वे करना होगा। इसके बाद खनन की प्रक्रिया शुरू होगी। सब कुछ ठीक रहा तो कंपनी जल्द प्रॉस्पेक्टिंग सर्वे शुरू कर सकेगी। सर्वे के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी।