नोटिस के बाद भी सीएसईबी के मकान नहीं खाली कर रहे लोग
0 लगाए गए नोटिस बोर्ड
कोरबा। विद्युत उत्पादन कंपनी के पूर्व स्थित कॉलोनी के 428 मकानों को तोड़ने की तैयारी दो साल पहले शुरू की गई थी। दो साल बाद भी यह काम शुरू नहीं हो सका है। लोग अब भी इन मकानों में रह रहे हैं। बारिश में मकानों के छज्जे गिरने की संभावना और बढ़ जाती है। कई बार नोटिस के बाद भी मकान खाली नहीं किए जाने पर अब सिविल विभाग ने बोर्ड भी लगा दिए हैं।
कोरबा पूर्व कॉलोनी के एनएफ और सुपर एफ टाइप के मकान सबसे अधिक जर्जर हो चुके हैं। बीते कई साल से मकानों को तोड़ने की बात चल रही है। दो साल पहले सुपर एफ के मकान का छज्जा भरभराकर गिर गया था। इस घटना के बाद आवास आवंटन समिति ने मकानों की स्थिति का जायजा लिया। पाया गया कि मकानों की स्थिति बेहद जर्जर हो चुकी है। मकान कभी भी ढह सकते हैं, बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे जर्जर मकानों की सूची तैयार की गई थी। इसमें कुल 428 मकान जर्जर हालत में पाए गए थे। इन मकानों को डिस्मेंटल करने के लिए मुख्यालय स्तर पर फाइल भेजी गई थी। इस पर स्वीकृति मिल चुकी है। मगर मकान में रहने वाले लोग नोटिस के बाद भी कब्जा नहीं हटा रहे हैं, जिसे लेकर अब बोर्ड लगा दिए गए हैं। उत्पादन कंपनी नए मकान बनाने को लेकर रूचि नहीं ले रही है। करीब 15 ब्लॉक पूरी तरह से तोड़ दिए जाएंगे।
0 तोड़े जाने वाले मकानों में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों का कब्जा
तोड़े जाने वाले कुल 428 मकानों में विद्युत कर्मी निवासरत हैं, जबकि कुछ मकानों में अन्य शासकीय विभागों के कर्मियों का कब्जा है। वहीं 150 से अधिक मकान में बाहरी लोग रह रहे हैं। एक तरह से बाहरी लोगों को खदेड़ने के लिए यह मुहिम चलाई जा रही है जिस पर विभाग अब तक असफल साबित रहा है।